मानसून ब्रेक को लेकर लगाई जा रही अाशंकाएं शुक्रवार को समाप्त हो गईं, जब मानसूनी बादल प्रदेश के कई हिस्सों में फैले और अच्छी-खासी बारिश होने लगी। बिलासपुर और सरगुजा संभाग में पिछले 24 घंटे में कई जगह जोरदार बारिश हुई है। रायपुर और दुर्ग संभाग के मैदानी इलाकों में शुक्रवार को दोपहर के बाद से बादल गहराने लगे। मौसम विशेषज्ञों ने शनिवार को राजधानी समेत इन संभागों के मैदानी इलाकों में भी अच्छी बारिश के अासार जताते हैं।
लालपुर मौसम केंद्र के वैज्ञानिक हरिप्रसाद चंद्रा ने बताया कि उत्तर छत्तीसगढ़ में मानसून सक्रिय है। पिछले 24 घंटे के दौरान अकलतरा समेत कई इलाकों में 6 सेमी बारिश हो चुकी है। मैदानी इलाकों, खासकर रायपुर में शुक्रवार को सुबह 25 फीसदी बादल थे, जो शाम तक बढ़कर 60 फीसदी से अधिक हो गए हैं। शनिवार यानी 29 तारीख की शाम या रविवार को सुबह से राजधानी समेत रायपुर-दुर्ग संभागों के मैदानी इलाकों में भी मानसून की जोरदार बारिश हो सकती है। बंगाल की खाड़ी में एक अवदाब बन गया है। यह ताकतवर हो रहा है और ओड़िशा-अांध्र के तटवर्ती इलाकों की ओर बढ़ रहा है।
विशेषज्ञों के मुताबिक 30 जून यानी रविवार की रात तक यह बेहद ताकतवर सिस्टम में बदल सकता है। इस बदलाव के दौरान ही रायपुर समेत प्रदेश में कई जगह अच्छी बारिश शुरू हो जाएगी। यह 1 जुलाई के बाद और बढ़ सकती है।
मानसून ब्रेक संभव नहीं : पिछले दो दिन से राजधानी में मानसून ब्रेक की चर्चाएं चल रही हैं, लेकिन लालपुर मौसम केंद्र के वैज्ञानिकों ने इसे गलत बताया और कहा कि मानसून का देशभर में विस्तार ही नहीं हुआ है तो ब्रेक कैसे होगा। मानसून ब्रेक की चार परिस्थितियां हैं। पहला, देशभर में मानसून का विस्तार होने के बाद बारिश थम जाए। दूसरा, उत्तर पाकिस्तान से बंगाल की खाड़ी तक एक द्रोणिका बनने से बारिश रुक जाती है। तीसरा, हिमालय की तराई में 5.8 किमी तक मानसून की रेखा पहुंच जाए और चौथा, बिहार और असम में जमकर बारिश हो और सेंट्रल इंडिया सूखा रह जाए। इनमें से अभी कोई भी परिस्थितियां नहीं बनी हैं।