लोकसभा चुनाव बीत गया लेकिन अगले आठ माह में चार राज्यों में विधानसभा चुनाव अभी होने हैं. ये सभी राजनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण हैं. इनमें दिल्ली, हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र शामिल हैं. चुनाव को देखते हुए इन राज्यों की सरकारों ने लोकलुभावन फैसले लेने शुरू कर दिए हैं. इन चार राज्यों में विधानसभा की 529 सीट हैं. जिनमें से 216 पर बीजेपी विधायक हैं. कांग्रेस के पास सिर्फ 59 सीटें हैं. आम आदमी पार्टी (आप) के 66 और शिवसेना के 63 विधायक हैं. तीन राज्यों में बीजेपी का गणित और केमिस्ट्री दोनों मजबूत नजर आ रहे हैं.
हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार है जबकि दिल्ली आम आदमी पार्टी के पास है. बीजेपी का फोकस दिल्ली की सत्ता हासिल करने पर है. क्योंकि अरविंद केजरीवाल उस पर सबसे अधिक हमलावर नेताओं में से एक हैं. लोकसभा चुनाव में बंपर जीत के बाद बीजेपी के हौसले बुलंद हैं. इसलिए इन राज्यों में बीजेपी जीत के पक्के इरादे के साथ उतरेगी. आइए, समझते हैं कि किस राज्य में क्या सियासी समीकरण है?
हरियाणा के सीएम मनोहरलाल (File Photo)
हरियाणा
हरियाणा में विधानसभा की 90 सीटें हैं. पिछला चुनाव अक्टूबर 2014 में हुआ था. बीजेपी ने यह चुनाव बिना चेहरे के लड़ा था. पीएम नरेंद्र मोदी की अगुआई में बीजेपी ने कांग्रेस के गढ़ रहे इस प्रदेश में 47 सीटें जीतीं. पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई. आरएसएस प्रचारक मनोहरलाल खट्टर को सीएम बनाया गया. तब उन्हें बीजेपी के अंदर और बाहर भी ‘नौसिखिया’ कहा जाता था, लेकिन खट्टर ने निकाय चुनाव में शानदार प्रदर्शन करके अपने विरोधियों के मुंह पर ताला लगा दिया. हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटें भी बीजेपी की झोली में आ गई हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी मनोहरलाल खट्टर के ही चेहरे पर यहां का विधानसभा चुनाव लड़ेगी. जींद उप चुनाव जीतने के बाद बीजेपी के पास 48 सीट हो गईं हैं. इनेलो और कांग्रेस के पास सिर्फ 17-17 सीटें हैं. यहां जिलों में कांग्रेस का संगठन नहीं रह गया है.
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (File Photo)
दिल्ली
दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार है. आम आदमी पार्टी (आप) के पास पहले 70 में से 67 सीटें थीं, लेकिन अब घटकर 66 रह गईं हैं. बीजेपी ने लोकसभा की सभी सातों सीटें जीत ली हैं, केंद्र में उसकी सरकार है इसलिए उसके हौसले बुलंद हैं. यहां के तीनों नगर निगमों पर बीजेपी का कब्जा है. लेकिन केजरीवाल को शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पानी के लिए जमीनी स्तर पर किए गए अपने काम पर भरोसा है. अरविंद केजरीवाल ने महिलाओं को मेट्रो और बस में मुफ्त सफर का ऐलान किया है. इस फैसले को भी उनकी चुनावी तैयारियों से जोड़कर देखा जा रहा है. आप नेताओं का कहना है कि लोकसभा चुनाव में भले ही जनता ने बीजेपी को चुना है लेकिन विधानसभा चुनाव में उसे ही मौका देगी. यहां बीजेपी के पास सिर्फ चार सीट हैं. कांग्रेस भी वापसी के लिए जोर लगा रही है. जनवरी 2020 में चुनाव हो सकता है.
देवेंद्र फडणवीस (File Photo)
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में बीजेपी का शासन है. जिसे देवेंद्र फड़नवीस चला रहे हैं. इस साल सितंबर-अक्टूबर तक चुनाव संभव है. 288 सीटों वाले प्रदेश में बीजेपी के पास सबसे अधिक 122 विधानसभा सीट हैं. उसकी सहयोगी शिवसेना के पास 63 और विपक्षी दल कांग्रेस के पास 42 और एनसीपी के पास 41 सीट हैं. ना-नुकुर करते-करते बीजेपी और शिवसेना ने लोकसभा चुनाव साथ लड़ा. जिसमें बीजेपी ने 23 और शिवसेना ने 18 सीटें जीतीं. एनसीपी ने 4 सीटें जबकि कांग्रेस ने सिर्फ एक सीट हासिल की. ऐसे में यहां पावरफुल गठबंधन बीजेपी-शिवसेना का ही है. हार की निराशा में घिरी कांग्रेस के लिए यहां चुनाव की डगर काफी कठिन नजर आ रही है.
रघुबर दास (File Photo)
झारखंड
यहां बीजेपी का शासन है. रघुवर दास सीएम हैं. 82 विधानसभा सीटों वाले इस प्रदेश में 81 में निर्वाचन होता है, एक नामित किया जाता है. 2014 में बीजेपी को 37 सीटें मिली थीं. आजसू पार्टी को मिला कर बहुमत मिला था. बाद में झारखंड विकास मोर्चा के 6 विधायक बीजेपी में आ गए थे, फिर सरकार की चिंता खत्म हुई. फिलहाल पार्टी के पास 43 सीटें हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के 19 जबकि झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) के पास आठ विधायक हैं. इस साल नवंबर-दिसंबर में चुनाव संभव है. झारखंड की 14 लोकसभा सीटों में से 11 जीतकर बीजेपी के हौसले बुलंद हैं. बीजेपी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में लग गई है. वो यहां अबकी बार 60 के पार का नारा दे रही है.