प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कैबिनेट में छत्तीसगढ़ से सरगुजा सीट पर फतेह करने वाली रेणुका सिंह को मंत्री बनाया जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में अब तक सिर्फ एक सांसद को ही पीएमओ से फोनकॉल आया है, वो रेणुका सिंह ही हैं. अब तक राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय, रामविचार नेताम और दुर्ग सांसद विजय बघेल के नाम पर चर्चा हो रही थी, लेकिन अब नया नाम रेणुका सिंह का सामने आया है.
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 में संभागवार परिणाम में बीजेपी का सबसे बुरा हाल सरगुजा में ही हुआ. यहां की सभी 14 सीटों पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा. फिर भी लोकसभा चुनाव में सरगुजा संसदीय क्षेत्र में बीजेपी मजबूत मानी जा रही है. बीजेपी ने यहां से पूर्व विधायक रेणुका सिंह को मैदान में उतारा. तेजतर्रार छवि वाली रेणुका सिंह का सीधा मुकाबला कांग्रेस के प्रत्याशी खेलसाय सिंह से था. आदिवासी नेता रेणुका सिंह को डेढ़ लाख से अधिक वोटों से जीत मिली.
रमन कैबिनेट में रही हैं मंत्री
बीजेपी ने सरगुजा से कमलभान सिंह मरावी का टिकट काटते हुए रेणुका को टिकट दी. रेणुका सिंह पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री भी रही चुकी हैं. वे अनुसूचित जनजाति की तेजतर्रार नेत्री के तौर पर भी जानी जाती हैं. रेणुका सिंह प्रेमनगर से विधायक दो बार निर्वाचित हुई हैं. 2003 से 2005 तक महिला बाल विकासअ मंत्री भी रही हैं. वे 2005 से 2013 तक सरगुजा विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष भी थीं.
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रेणुका सिंह दो बार प्रेम नगर विधानसभा सीट से बीजेपी की विधायक रह चुकी हैं. पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने अपने पहले कार्यकाल में रेणुका को महिला और बाल विकास मंत्री बनाया था. हालांकि, साल 2013 के विधान सभा चुनाव में वे प्रेम नगर विधानसभा सीट से कांग्रेसी उम्मीदवार खेलसाय सिंह से 18 हजार मतों से हार गई थीं. इसके बाद साल 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें मौका नहीं दिया, लेकिन लोकसभा चुनाव में उतारा है.
इन पदों का भी संभाला जिम्मा
सरगुजा लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी रेणुका सिंह पिता फूल सिंह 58 वर्ष सूरजपुर जिले के सुभाष चौक रामानुजनगर निवासी हैं. रेणुका सिंह ने हायर सेकेंडरी स्कूल तक की पढ़ाई की है. रेणुका सिंह वर्ष 2000-03 तक अविभाजित मध्यप्रदेश में भाजपा रामानुजनगर मंडल की प्रथम महिला अध्यक्ष बनी थीं. वर्ष 2000 से 2003 तक रामानुजनगर जनपद सदस्य निर्वाचित होने के अलावा 2001 से 2003 तक समाज कल्याण बोर्ड की सदस्य भी रह चुकी हैं. वर्ष 2002 से 2004 तक भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश मंत्री रहीं. वर्तमान में भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं.