किसानों का जीवीकोपार्जन पूर्णतः खेती-किसानी पर निर्भर होता है। फसल उत्पादन वर्षा अर्थात् पानी की उपलब्धता पर निर्भर करता है, इसके अभाव में उत्पादन कम होने से कई कृषक कर्ज के बोझ से लद जाते है। ऐसे ही तिल्दा विकासखंड के ग्राम कुर्रा निवासी श्री गणेश पिछले कई वर्षों से कृषि कार्य के लिए जो ऋण लिया था, इस ऋण से उन्हें मुक्ति नहीं मिल पा रही थी। श्री गणेश अपने 12 एकड़ की खेती के लिए शासन द्वारा खरीफ वर्ष 2018-19 के लिए 2 लाख रूपए का ऋण लिया था। इसके पूर्व के खरीफ वर्षों के लिए बैंक में वह ऋणी था। वर्षा के अभाव तथा अन्य कारणों से पिछले दो तीन सालों में फसल उत्पादन सही नहीं होने से ऋण से मुक्त नहीं हो पा रहा था। वर्तमान छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों की ऋण माफी और समर्थन मूल्य में वृद्धि के फैसले ने गणेश की सबसे बड़ी चिन्ता ऋण से मुक्ति दिलाने में सहायक हुई है।
छत्तीसगढ़ सरकार के इन किसान हितैषी फैसलों से गणेश को 2 लाख 3 हजार 904 रूपए की कर्जमाफी तथा समर्थन मूल्य में वृद्धि होने से 83 हजार 76 रूपए का लाभ हुआ। शासन द्वारा देय इन राशियों से न केवल गणेश को बैंक के अतिरिक्त अन्य पुराने कर्जों से मुक्ति मिली है बल्कि वह अपने परिवार के अन्य जरूरतों को भी आसानी से पूरा कर सका। शासन के कर्जमाफी और समर्थन मूल्य की वृद्धि से प्रदेश के किसानों का जीवन खुशहाल हुआ है।