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छत्तीसगढ़ : अब स्कूल-कॉलेजों में धूम्रपान करने वालों की खैर नहीं

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राजधानी के प्रमुख सार्वजनिक स्थलों, सरकारी कार्यालयों, स्कूल और कॉलेजों के परिसर में धूम्रपान करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत कलेक्टर डॉ. बसवराजू एस. और रायपुर उत्तर के विधायक कुलदीप जुनेजा की उपस्थिति में मंगलवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष में जिला तम्बाकू नियंत्रण समन्वय समिति की बैठक आयोजित हुई।

कलेक्टर ने कोटपा एक्ट के तहत की जा रही कार्यवाही एवं जनजागरूकता अभियान की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।

जानलेवा बीमारियों की संभावना

कलेक्टर ने कहा कि तम्बाकू के सेवन से जानलेवा बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है। इसको रोकने के लिए सरकार अनेक गतिविधियां संचालित कर रही है। तम्बाकू से होने वाली जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए लोगों को जागरूक करने जिला स्तर पर अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए।

सार्वजनिक स्थानों, सरकारी कार्यालयों, स्कूल एवं महाविद्यालयों के परिसर में धूम्रपान करने पर प्रतिबंध लगाया गया है। ऐसे स्थानों पर नियमित रूप से निरीक्षण कर धूम्रपान करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाये। कलेक्टर ने कहा कि छापामार दल यह ध्यान रखे कि तम्बाकू बिक्री के स्थान पर नाबालिगों को तम्बाकू पदार्थ बेचना दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है। इससे संबंधित बोर्ड लगाना कोटपा एक्ट के तहत अनिवार्य है। इसके उल्लंघन पर संबंधितों के खिलाफ जुर्माना किया जाये।

सार्वजनिक स्थानों पर लगेंगे बोर्ड

कलेक्टर ने कहा कि सार्वजनिक स्थानों के प्रवेश द्वार एवं सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान निषेध क्षेत्र का बोर्ड लगाना सुनिश्चित करें। शैक्षणिक संस्थान के मुख्य प्रवेश द्वार पर धूम्रपान रहित क्षेत्र का बोर्ड लगाने के साथ-साथ शिक्षण संस्थान के सौ-गज के दायरे में तम्बाकू पदार्थ बेचना दंडनीय अपराध है।

शासकीय एवं निजी स्कूलों में बच्चों को तम्बाकू के नशे से संबंधित जागरूकता के लिए विशेष कार्यशाला आयोजित की जाये। इसी तरह शासकीय कार्यालयों के प्रमुख पदाधिकारी ध्यान रखें कि परिसर में कोई धूम्रपान, गुटखा व तम्बाकू का सेवन न करें।

ऐसा करते पाये जाने पर प्रभारी अधिकारी द्वारा संबंधित व्यक्ति पर दंडात्मक कार्यवाही करते हुए जुर्माना लगाया जाये। स्वच्छ भारत मिशन के तहत चलाए जाने वाले वाहनों के माध्यम से धूम्रपान के दुष्प्रभाव के बारे में लोगों को जागरूक किया जाये। शहर के प्रमुख उद्यानों में धूम्रपान रहित क्षेत्र का साइन बोर्ड लगाया जाए।