छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न पदों के लिए जारी की गई भर्ती प्रक्रिया के दौरान नौकरी लगाने के नाम पर अभ्यर्थियों से रिश्वत लेने के मामले में सूरजपुर पुलिस ने जिले के तत्कालीन अपर कलेक्टर एमएल धृतलहरे को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया है. दरअसल ये पूरा मामला 2016 का है. सूरजपुर जिले के तात्कालिक अपर कलेक्टर एमएल घृतलहरे ने नौकरी लगाने के नाम पर कई ग्रामीण अभ्यर्थियों से लाखों रुपए की उगाही की थी. नौकरी न लगा पाने के बाद जब ग्रामीण अभ्यर्थियों द्वारा रिश्वत की रकम वापस मांगी गई, तो उन्होंने रकम वापस नहीं की गई.
मिली जानकारी के मुताबिक एमएल धृतलहरे ने रकम के बदले चेक जारी कर दिया था. इस पूरे मामले की शिकायत अभ्यर्थियों ने सूरजपुर कलेक्टर, मुख्यमंत्री, पुलिस अधीक्षक समेत विभिन्न मंचों और संस्थाओं से की थी. वही चांचीडांड निवासी पीड़ित की शिकायत पर पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर सूरजपुर के निर्देश पर पुलिस टीम ने तात्कालिक अपर कलेक्टर एमएल घृतलहरे के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया था, लेकिन इस मामले में आरोपी अपर कलेक्टर एमएल घृतलहरे की गिरफ्तारी नहीं हो पाई थी. अब कार्रवाई करते हुए कोतवाली पुलिस ने इस मामले में सोमवार को एक बड़ी सफलता हासिल की. सेवानिवृत्ति के उपरांत रायपुर में निवास कर रहे अपर कलेक्टर एमएल घृतलहरे के घर पर छापा मारकर उन्हें गिरफ्तार कर धोखाधड़ी के आरोप में उन्हें न्यायालय में पेश किया गया, जहां न्यायालय में पेश करने के बाद उन्हे जेल भेज दिया है.