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देखें कैसे फरीदाबाद में बन रहे 10 रुपये के नकली सिक्के टोल प्लाजा पर हो रहे हैं सप्लाई

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इस पावर प्रेस मशीन की मदद से बनाए जा रहे थे 5 और 10 रुपये के नकली सिक्के. ये ही वजह है कि बाज़ार में अक्सर ग्राहक और दुकानदार 10 रुपये के सिक्के को लेने में आनाकानी करते हैं.

 ये ही है वो डाई जिसकी मदद से नकली सिक्के बनाए जाते हैं. नकली सिक्कों की मांग बढ़ी तो मास्टर माइंड लूथरा ने लोगों को सिक्कों की डाई देकर सिक्के बनाने की फ्रेंचाइजी दे दी. ऐसे लोगों से लूथरा महीनेदारी लेता था. बाजार में सिक्के खपाने के लिए लड़कियों को रखने लगा.

ये ही है वो डाई जिसकी मदद से नकली सिक्के बनाए जाते हैं. नकली सिक्कों की मांग बढ़ी तो मास्टर माइंड लूथरा ने लोगों को सिक्कों की डाई देकर सिक्के बनाने की फ्रेंचाइजी दे दी. ऐसे लोगों से लूथरा महीनेदारी लेता था. बाजार में सिक्के खपाने के लिए लड़कियों को रखने लगा.

 पुलिस की मानें तो देश के सात राज्यों में लूथरा ने नकली सिक्के बनाने की फैक्ट्री लगा रखी है. एक फैक्ट्री नेपाल में भी लगाई हुई है. जब देश में पुलिस का दबाव ज्यादा बनता है तो फिर नेपाल से सिक्के बनकर आते हैं.

पुलिस की मानें तो देश के सात राज्यों में लूथरा ने नकली सिक्के बनाने की फैक्ट्री लगा रखी है. एक फैक्ट्री नेपाल में भी लगाई हुई है. जब देश में पुलिस का दबाव ज्यादा बनता है तो फिर नेपाल से सिक्के बनकर आते हैं.

 पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर नकली सिक्के बनाने और उन्हें सप्लाई करने वाले गिरोह को पकड़ा है. ये गिरोह दो दिन पहले कार में सिक्के भरकर उनहें बेचने के लिए ले जा रहा है. लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने एक महिला सहित चार लोगों को पकड़ लिया.

पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर नकली सिक्के बनाने और उन्हें सप्लाई करने वाले गिरोह को पकड़ा है. ये गिरोह दो दिन पहले कार में सिक्के भरकर उनहें बेचने के लिए ले जा रहा है. लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने एक महिला सहित चार लोगों को पकड़ लिया.

 हरियाणा पुलिस ने सोमवार को पकड़े गए लोगों को मीडिया के सामने पेश किया. लूथरा 60 से 70 रुपये में 100 रुपये के नकली सिक्के देता था. वहीं दूसरे छोटे ग्राहकों को सिक्के बेचने के लिए उनकी पैकिंग पर टकसाल की नकली सील लगाता था. उसके एजेंट खुद को बैंक का प्रतिनिध बताते थे. यहां पर 100 रुपये के सिक्के 80 रुपये तक में बेचे जाते थे.

हरियाणा पुलिस ने सोमवार को पकड़े गए लोगों को मीडिया के सामने पेश किया. लूथरा 60 से 70 रुपये में 100 रुपये के नकली सिक्के देता था. वहीं दूसरे छोटे ग्राहकों को सिक्के बेचने के लिए उनकी पैकिंग पर टकसाल की नकली सील लगाता था. उसके एजेंट खुद को बैंक का प्रतिनिध बताते थे. यहां पर 100 रुपये के सिक्के 80 रुपये तक में बेचे जाते थे.

 लूथरा ने अपनी फैक्ट्री में सिक्के बनाने वाली ऐसी कई मशीने लगाई हुई हैं. पुलिस के अनुसार अब तक लूथरा 100 करोड़ से अधिक के सिक्के बाज़ार में झोंक चुका है. नेपाल तक उसने अपना ये गोरखधंधा फैला रखा है.

लूथरा ने अपनी फैक्ट्री में सिक्के बनाने वाली ऐसी कई मशीने लगाई हुई हैं. पुलिस के अनुसार अब तक लूथरा 100 करोड़ से अधिक के सिक्के बाज़ार में झोंक चुका है. नेपाल तक उसने अपना ये गोरखधंधा फैला रखा है.

 इस मशीन और डाई के बने सिक्के पुलिस के अनुसार टोप प्लाजा और दूसरी दुकानों पर सप्लाई किए जाते थे. पुलिस उन टोप प्लाजा की भी जांच कर रही जो लूथरा के ग्राहक थे. जल्द ही पुलिस उन पर भी शिकंजा कसेगी.

इस मशीन और डाई के बने सिक्के पुलिस के अनुसार टोप प्लाजा और दूसरी दुकानों पर सप्लाई किए जाते थे. पुलिस उन टोप प्लाजा की भी जांच कर रही जो लूथरा के ग्राहक थे. जल्द ही पुलिस उन पर भी शिकंजा कसेगी.

 लूथरा 60 से 70 रुपये में 100 रुपये के नकली सिक्के देता था. वहीं दूसरे छोटे ग्राहकों को सिक्के बेचने के लिए उनकी पैकिंग पर टकसाल की नकली सील लगाता था. उसके एजेंट खुद को बैंक का प्रतिनिध बताते थे. यहां पर 100 रुपये के सिक्के 80 रुपये तक में बेचे जाते थे.

लूथरा 60 से 70 रुपये में 100 रुपये के नकली सिक्के देता था. वहीं दूसरे छोटे ग्राहकों को सिक्के बेचने के लिए उनकी पैकिंग पर टकसाल की नकली सील लगाता था. उसके एजेंट खुद को बैंक का प्रतिनिध बताते थे. यहां पर 100 रुपये के सिक्के 80 रुपये तक में बेचे जाते थे.