संयुक्त राष्ट्र ने व्यापार युद्ध और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में मंदी के मद्देनजर भारत के विकास अनुमान में बड़ी कटौती करते हुये इसके चालू वित्त वर्ष में सात प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष में 7.1 प्रतिशत रहने अनुमान जारी किया है।
वैश्विक संस्था ने वैश्विक आर्थिक स्थिति एवं परिदृश्य पर इस साल जनवरी में जारी मुख्य रिपोर्ट का अपडेट आज जारी किया। जनवरी में कहा गया था कि वित्त वर्ष 2019-20 में भारत की विकास दर 7.6 प्रतिशत रहेगी जिसमें 0.6 फीसदी की कमी करते हुये विकास अनुमान सात प्रतिशत कर दिया गया है। अगले वित्त वर्ष का विकास अनुमान 7.5 प्रतिशत से घटाकर 7.1 प्रतिशत किया गया है।
रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि भारत का विकास अनुमान घटने के बावजूद देश में घरेलू माँग मजबूत बनी रहेगी। इदसमें कहा गया है भारतीय अर्थव्यवस्था 2018-19 में 7.2 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ी। मजबूत घरेलू उपभोग और निवेश विकास को बल देते रहेंगे। भारत का निर्यात अन्य देशों की तुलना में ज्यादा मजबूत हैं क्योंकि उसका आधा निर्यात अपेक्षाकृत तेज गति से बढ़ रहे एशिया देशों को होता है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि अनसुलझे व्यापार युद्ध के तनावों और अंतरराष्ट्रीय नीतियों की अनिश्चितता के बीच वैश्विक आर्थिक परिदृश्य कमजोर पड़ा है। विकसित एवं विकासशील दोनों श्रेणियों के देशों के लिए विकास अनुमान घटाया गया है। उसने वैश्विक विकास अनुमान में इस साल के लिए 0.3 प्रतिशत और अगले साल के लिए 0.1 प्रतिशत की कटौती की है। इस साल वैश्विक विकास दर 2.7 प्रतिशत और अगले साल 2.9 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है अंतरराष्ट्रीय व्यापार में मंदी के साथ कारोबारी धारणा भी कमजोर हुई है जिससे निवेश की संभावनाओं पर काले बादल छाये हुये हैं। आर्थिक गतिविधियों और मुद्रास्फीति में नरमी के दबाव में बड़े केंद्रीय बैंकों ने मौद्रिक नीति का रुख नरम कर दिया है।