राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण छत्तीसगढ़ की नवाचारी पहल के तहत जिला लोक शिक्षा समिति रायपुर द्वारा राजधानी रायपुर के टिकरापारा में संचालित शहरी ई-साक्षरता केन्द्र में प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षार्थियों के प्रथम बैच का आज आनलाईन बाह्नय मूल्यांकन जिला पंचायत रायपुर के एमआईएस सेन्टर में संपन्न हुआ।
कलेक्टर एवं अध्यक्ष जिला लोक शिक्षा समिति रायपुर डॉ. बसवराजु एस. तथा जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं सचिव जिला लोक शिक्षा समिति डॉ. गौरव कुमार सिंह ने इस अवसर पर उपस्थित होकर शिक्षार्थियों का हौसला बढ़ाया और उन्हें इसी तरह अपने भविष्य को बेहतर गढ़ने के लिए प्रेरित किया।
उल्लेखनीय है कि भारत वर्ष में शहरी साक्षरता कार्यक्रम के तहत राजधानी रायपुर के टिकरापारा में संचालित यह केन्द्र देश का पहला ई-साक्षरता केन्द्र है। इस केन्द्र में 25 महिलाओं ने एक माह के पाठ्यक्रम में ई-साक्षरता के साथ साथ वित्तीय साक्षरता,चुनावी साक्षरता, कानूनी साक्षरता एवं श्रेष्ठ पालकत्व जैसे जीवनोपयोगी मुद्दों पर केन्द्रित शिक्षा प्राप्त की है। आज आयोजित आनलाईन परीक्षा में शहरी श्रमिक बाहुल्य क्षेत्र की सामान्य परिवार की गृहणियां व बालिकाएं सम्मिलित हुई । छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसाइटी (चिप्स) द्वारा यह बाह्य मूल्यांकन आयोजित किया गया।
कलेक्टर डॉ. बसवराजु एस. ने शिक्षार्थी महिलाओं से मिलकर कार्यक्रम से होने वाले लाभ के बारे में जानकारी ली। शिक्षार्थी महिलाओं ने बताया कि अब आनलाईन बैंकिंग, जॉब सर्च, विविध लोक कल्याणकारी कार्यक्रमों की जानकारी हासिल करने के अलावा कम्प्यूटर की आधारभूत जानकारी प्राप्त हुई है। इन जानकारियों से आत्मविश्वास बढ़ा है तथा श्रेष्ठ पालकत्व, वित्तीय साक्षरता,चुनावी साक्षरता, कानूनी साक्षरता जैसे विषयांे पर महत्वपूर्ण जानकारी मिली है, जो उनके लिए भविष्य में लाभदायक साबित होगी।
ई-साक्षरता की पहली आनलाईन परीक्षा को सफल बनाने में जिला शिक्षा अधिकारी जी.आर.चन्द्राकार, एसएलएमए के सहायक संचालक प्रशांत पाण्डेय, चिप्स के मदनमोहन उपाध्याय, सौरभ पटेल, प्रवासरंजन शर्मा, स्मार्ट सिटी के श्री आशीष मिश्रा, जिला लोक शिक्षा समिति रायपुर के परियोजना अधिकारी पी.आर.चन्द्राकर, सहायक परियोजना अधिकारी चुन्नीलाल शर्मा, विकासखण्ड परियोजना अधिकारी लोकेश कुमार वर्मा, ताराचंद जायसवाल, केन्द्र प्रभारी नमिता श्रीवास्तव, तारिणी वर्मा, सुषमा तांडी, ई-एजुकेटर खेमन चक्रधारी आदि का विशेष योगदान रहा।