गौठानों के क्रियान्वयन की देख-रेख के लिए नियुक्त हुए नोडल अधिकारी
राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी ग्रामीण आजीवका संवर्धन की इस महत्वपूर्ण योजना का समुचित तरीके से क्रियान्वयन सुनिश्चित हो और उसका भरपूर लाभ जनसमुदाय को मिल सके इसके लिए जिला पंचायत और जनपद पंचायत स्तर पर नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए गए है। बैठक में इस योजना के तहत द्वितीय चरण में लिए जाने वाले 20 प्रतिशत ग्राम पंचायत का भी चयन कर प्राक्कलन आदि तैयार करने के निर्देश दिए गए।
राज्य सरकार की ग्रामीण आजीविका संवर्धन की महत्वपूर्ण योजना नरवा, गरूवा, धुरूवा और बाड़ी के तहत तेजी से जिले के 97 गांवों में गौठानों का निर्माण किया जा रहा है। इसके तहत जिले के 21 ग्राम पंचायतों में मॉडल गौठान भी बनाए जा रहे है। कलेक्टर डॉ. बसवराजु एस. ने आज यहां जिला कलेक्टोरेट सभाकक्ष में गौठान निर्माण की प्रगति की समीक्षा करते हुए इन्हें शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए है। उन्होंने गौठानों में पशुओं के लिए छाया, पानी सहित अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने को कहा है। गौरतलब है कि इन गौठानों के निमाण से जहां से गांवों में पशुओं को एक डे-केयर सेंटर का लाभ मिल सकेगा वहीं ये गौठान ग्रामीणों विशेषकर गांवों की महिला स्व सहायता समूहांे के अजीविका संवर्धन और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होेंगे। कलेक्टर ने कहा है कि गौठानों के नजदीक पानी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित हो सके इसके लिए आस-पास के नालों का संरक्षण किया जाए साथ ही वहां चारागाह का विकास किया जाए। गौठानों में फलदार और छायादार पौधों का रोपण किया जाए। गौठान में जैविक खाद के निर्माण के लिए वर्मी पैड के साथ ही किसानों को भी अपने खेतों में जैविक खाद का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जाए। कलेक्टर ने जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही शहरी इलाकों में भी नालों का संरक्षण व संवर्धन के लिए कार्ययोजना बनाने को कहा है। बैठक में नगर निगम के आयुक्त श्री शिवअनंत तायल, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. गौरव कुमार सिंह, एडीएम श्री दीपक अग्रवाल, अपर कलेक्टर श्री आशुतोष पाण्डेय सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. गौरव कुमार सिंह ने बताया कि प्रथम चरण में जिले के 97 ग्राम पंचायतों में गौठानों का निर्माण किया जा रहा है। इसमें 21 ग्राम पंचायतों में मॉडल गौठान बनाए जा रहे है, 10 मॉडल गौठान पूरी तरह बनकर तैयार हो गए है, 47 गौठान 30 मई तक तथा शेष गौठान 15 जून तक बनकर तैयार हो जाएंगे। जिन ग्राम पंचायतों को मॉडल के रूप में विकसित किया जा रहा है उनमें अभनपुर विकासखण्ड के ग्राम पलौद, नवागांव, धनौद व तामासिवनी है। इसी तरह आरंग विकासखण्ड में बैहार, बनचरोदा, पारागांव व बेनीडीह, तिल्दा विकासखण्ड में बुडे़नी और धरसींवा विकासखण्ड में पथरी शामिल है। इन गौठानों में पशुओं के पीने के पानी के लिए ट्यूबवेल और सोलरपंप लगाए जा रहे है। इसी तरह उनके बैठने के स्थान में पारंपरिक तरीके से घासफूस युक्त शेड का निर्माण, पशुओं के लिए पैरा की व्यवस्था में ग्रामीणों का सहयोग भी लिया जा रहा है। गौबर खाद के लिए वर्मी बैड की व्यवस्था यहां की गई है। गौठानों के संचालन के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण अजीविका मिशन बिहान की महिला स्वसहायता समूहों को जोड़ा जा रहा है ताकि वो यहां उत्पन्न होने वाले खाद और अन्य आय मूलक गतिविधियों से अपनी अजीविका का संवर्धन कर अपने को आत्मनिर्भर बना सके।
पशुओं को गौठानों में लाने तथा वहां 8 घण्टें तक रहने के लिए सभी तैयारियां की जा रही है। पशुओं की यहां नियमित रूप से उपस्थिति के लिए चरवाहो को भी प्रेरित किया जा रहा है। शीघ्र ही ये गौठान अपने पूर्ण रूप में कार्य करने के लगेंगे और ये शासन की मंशानुरूप ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ीकरण में अभिनव भूमिका निभाएंगे। बैठक में संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ ही इंदिरा गांधी कृषि विश्वद्यिालय के कृषि विशेषज्ञ श्री गौतम राय भी उपस्थित थे।