भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने तय किया है कि ऐसे इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स जो बतौर ऑफिसर इसका हिस्सा बनना चाहते हैं, उन्हें एक एंट्रेस टेस्ट से गुजरना पड़ेगा। इंडियन नेवी की ओर से पहला एंट्रेस टेस्ट सिंतबर 2019 में देश भर के अलग-अलग सेंटर्स पर होगा। यह टेस्ट उन स्क्रीनिंग कैंडीडेट्स जो परमानेंट कमीशन और शॉर्ट सर्विस कमीशन माध्यमों के जरिए ऑफिसर बनने के इच्छुक हैं, उनके लिए होगा। नौसेना के प्रवक्ता की ओर से इसकी पुष्टि की गई है।
चार सेक्शंस को पास करना होगा जरूरी
आईएनईटी यानी इंडियन नेवी एंट्रेस टेस्ट में यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) या फिर यूनिवर्सिटी एंट्री स्क्रीम के तहत एग्जाम देने वाले कैंडीडेट्स के अलावा बाकी ग्रेजुएट्स भी शामिल हो सकते हैं। अभी तक जो सिस्टम चलन में है, उसके तहत सर्विस सेलेक्शन बोर्ड यानी एसएसबी की ओर ग्रुजेएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन में आए नंबरों के आधार पर ऑफिसर पोस्ट के लिए सेलेक्शन होता है। नए सिस्टम के बाद एसएसबी के लिए आईएनईटी में आए नंबरों के बाद उम्मीदवारों का सेलेक्शन किया जाएगा। आईएनईटी टेस्ट के लिए चार सेक्शंस से सवाल आएंगे। इन सेक्शंस में इंग्लिश, रीजनिंग और न्यूमेरिकल एबिलिटी, जनरल साइंस और मैथमैटिकल एप्टीट्यूट के अलावा सामान्य ज्ञान का सेक्शन शामिल होगा। कैंडीडेट्स के लिए हर सेक्शन को पास करना अर्निवार्य होगा।