इंफ्लुएंजा वायरस यह नाम ही शायद बहुत कम लोगों ने सुना जोगा । आज कल बीमारियाँ इतनी बढ़ गई है की लोगों को खुद यह नही पता होता है की उनको कौनसी बीमारी कब हो रही है । कई की लोगों को तो डॉ को दिखने के बाद भी इस बारे में पता नही चलता है की बीमारी क्या है ? इंफ्लुएंजा वायरस गर्मी में फेलने वाले संक्रामक रोग में से एक है । यह रोग श्वसन तंत्र से जुड़ा है ।
इन्फ्लूएंजा वायरस की शुरुआत खांसी, जुकाम और हल्के बुखार के साथ होती है। इन्फ्लूएंजा वायरस हमारे शरीर में नाक, आंख और मुंह से प्रवेश करता है। इसके अलावा इस वायरस से पीड़ित व्यक्ति के खांसने और छींकने पर अन्य व्यक्ति संपर्क में आता है तो यह वायरस फैल सकता है। इस पर ध्यान न दिया जाए तो यह गंभीर बीमारी बन जाती है। इन्फ्लूएंजा वायरस से निमोनिया, कान में संक्रमण, साइनस संक्रमण आदि का खतरा बढ़ जाता है।
क्या होते हैं इंफ्लुएंजा बीमारी के लक्षण ?
थकान होती है :-इन्फ्लूएंजा वायरस की चपेट में आने पर थकान महसूस होती है और शरीर अस्वस्थ रहने लगता है। इसके अलावा बहुत कमजोरी होती है, जिसके कारण कुछ काम करने पर या चलने-फिरने पर चक्कर आने लगते हैं।
ठंड के साथ बुखार :-इस वायरस के होने पर ठंड लगने के साथ ही बुखार आता है। बुखार कम या अधिक हो सकता है। इस वायरस के बढ़ते ही बुखार भी बढ़ता चला जाता है।
गले में कफ का जमाव :-इन्फ्लूएंजा वायरस में गल में कफ जम जाता है, जिसके चलते कुछ भी निगलने में तकलीफ होती है। सांस लेने में परेशानी होती है। इसके साथ ही बहुत छींक आती हैं।
शरीर में दर्द :-इन्फ्लूएंजा वायरस से पीड़ित व्यक्ति को सिरदर्द भी होता है। इसके अलावा मांसपेशियों में भी दर्द होता है। इस वायरस के फैलने पर त्वचा नीली पड़ जाती है।