सामने कोबरा सांप था। 35 बच्चों की जिंदगी दांव पर लगी हुई थी। हर कोई घबरा रहा था। सारे बच्चों की जान हलक में आ गई था, लेकिन जो बिलकुल भी नहीं डरा वो था समर्पण मालवीय। नीडर समर्पण ने न केवल बहादुरी दिखाई बल्कि कोबरा को पकड़कर 35 बच्चों की जान भी बचाई। अब समर्पण को राष्ट्रपति जीवन रक्षा पदक प्रदान किए जाने की घोषणा की गई है।
आंगनबाड़ी में घुस आया था कोबरा
मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के पिपलौदा के सादलपुरा निवासी गणेश मालवीय ने बताया कि दो साल पहले जब उनका बेटा समर्पण 11 साल का था तब बच्चों की जान बचाने वाली घटना हुई है। पिपलौदा के वार्ड नंबर 13 स्थित आंगनबाड़ी केन्द्र में 23 जनवरी 2017 को करीब 35 बच्चे पढ़ रहे थे। इनमें समर्पण भी था। इस दौरान वहां अचानक कोबरा सांप घुस आया था। सांप को देख बच्चों में अफरा-तफरी मच गई और वे इधर-उधर भागने लगे। सांप आंगनबाड़ी की रसोई में अलमारी की पीछे जाकर छुप गया। तब समर्पण ने चिमटे से कोबरा को पकड़कर बाहर निकाल दिया।
कई जगह हुआ समर्पण का सम्मान
समर्पण की बहादुरी को कई जगह सम्मान मिला। रतलाम जिले के सभी विधायकों व तत्कालीन एसपी अमितसिंह ने समर्पण का सम्मान भी किया। जब इसकी बहादुरी की चर्चा क्षेत्र में बढ़ने लगे तो संबंधित विभाग ने गृह मंत्रालय से आवेदन मंगवाया और खानापूर्ति कर दिल्ली भेज दिया। अब गृह मंत्रालय दिल्ली के सचिव राजीव गौबा ने राष्ट्रपति द्वारा जीवन रक्षा पदक दिए जाने की घोषणा का पत्र भेजा गया है।