अमेरिका में एक हेट क्राइम (Hate Crime) के तहत फिर से भारतीयों को निशाना बनाया गया है। इस बार एक 13 वर्ष की बच्ची नफरत का शिकार हुई है। लेकिन इस घटना के बाद एक नया चेहरा भी देखने को मिला। बच्ची के इलाज के लिए ऑनलाइन लोगों ने इतना फंड इकट्ठा कर लिया है कि अब उसके माता-पिता को चिंता करने की जरूरत नहीं है। हालांकि अभी यह बच्ची कोमा में है और हर कोई इसके लिए प्रार्थना कर रहा है।
23 अप्रैल की घटना
घटना 23 अप्रैल की है और कैलिफोर्निया के सनीवेल की है। यहां पर कक्षा सात में पढ़ने वाली धृति नारायण को उस समय कार से टक्कर मार दी गई जब वह अपनी मां और दूसरे फैमिली मेंबर्स के साथ सड़क पार कर रही थी। ड्राइवर ने धृति और उसके साथ मौजूद कुछ और लोगों को सिर्फ इसलिए टक्कर मारी क्योंकि उसे को लगा कि वह मुसलमान है। धृति को टक्कर मारने वाले का आइसाया पीपुल्स और एक एक वॉर वेटरन है। आइसाया इराक वॉर में हिस्सा ले चुका है। हमले में धृति के पिता राजेश नारायण और उसका नौ वर्ष का भाई प्रखर भी घायल हो गए।
कोमा में है धृति
धृति इस समय कोमा में है और उसे कई ट्रॉमा और सिर की चोटें आई हैं। धृति के इलाज लिए गोफंडमी पर सात दिन पहले अपील की गई थी। अब तक 12,360 लोग इस पर मासूम धृति के इलाज के लिए डोनेट कर चुके हैं। सोमवार की शाम तक धृति के इलाज के लिए करीब 600,000 डॉलर तक की रकम जुटा ली गई थी। जबकि लक्ष्य केवल 500,000 डॉलर ही तय किया गया था। अमेरिकन बाजार न्यूज पोर्टल की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है। धृति के दोस्त उसे एक प्यारी और खुश रहने वाली बच्ची बताते हैं।
लोगों से की गई थी अपील
साइट के फंडरेजर की तरफ से फंड कलेक्ट होने से पहले एक मैसेज पोस्ट किया गया था। इसमें कहा गया था, ‘हमारा दिल और हमारी सारी प्रार्थनाएं धृति के साथ हैं। हम कामना करते हैं कि वह जल्दी अच्छी हो जाए लेकिन एक बड़ा बिल और उसके बाद रेहाब पर आने वाले खर्च के लिए बड़ी रकम की जरूरत है।’ इसमें कहा गया था कि धृति के लिए एक उचित फंड रेजिंग कैंपेन चलाया जा रहा है ताकि मुश्किल समय में उसके परिवार की मदद की जा सके।
कोर्ट ने आठ आरोपों के तहत बताया दोषी
तीन मई को सांता क्लारा काउंटी के सुपीरियर कोर्ट में जब धृति को टक्कर मारने वाले आरोपी पर सुनवाई हो रही थी तो भारी तादाद में लोग इकट्ठा थे। आरोपीर को उसे कोर्ट की तरफ से आठ आरोपों के तहत दोषी मारा गया है जिसमें एक आरोप हत्या का भी है। मामले की अगली सुनवाई अब 16 मई को होगी। 23 अप्रैल को हुई घटना में कुल आठ लोग घायल हो गए थे। आइसाया, अमेरिकी सेना का एक शार्पशूटर रहा है और साल 2005 से 2006 तक इराक में उसकी तैनाती थी।