लोकसभा चुनाव परिणाम के ठीक बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस को नया प्रदेशाध्यक्ष मिल सकता है. दरअसल कांग्रेस आला कमान पीसीसी चीफ और मुख्यमंत्री का दायित्व निभाने वाले भूपेश बघेल का कुछ भार करना चाह रही है. इस बात के लिए खुद भूपेश बघेल भी आग्रह कर चुके हैं. संगठन को सत्ता तक पहुंचाने में अग्रिम भूमिका निभाने वाले भूपेश बघेल के बाद नया पीसीसी चीफ कौन होगा इस बात की चर्चा जोरों से चल रही है. मिली जानकारी से अनुसार कांग्रेस पीसीसी अध्यक्ष के रूप में आदिवासी महिला कार्ड खेल सकती है. मालूम हो कि छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनाव की कमान पीसीसी अध्यक्ष के रूप में भूपेश बघेल ने संभाल रखी थी. लोकसभा चुनाव भी कांग्रेस ने सीएम बघेल के नेतृत्व में ही लड़ा है. अब सीएम बघेल पर आ रहे इस भार को कम करने की कवायद पार्टी कर सकती है.
एक नजर उन नामों पर जिनके बीच पीसीसी चीफ बनने का मुकाबला हो सकता है:
आदिवासी वर्ग से-
फूलोदेवी नेताम- पीसीसी चीफ के दौड़ में फूलोदेवी नेताम का नाम सबसे ऊपर चल रहा है. वर्तमान में महिला कांग्रेस की अध्यक्ष हैं.
अमरजीत भगत- आदिवासी कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अमरजीत भगत पीसीसी चीफ के रेस में सबसे आगे थे लेकिन सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भगत को मंत्री मंडल में शामिल करने की तैयारी की जा रही है.
ओबीसी वर्ग से-
मोतीलाल देवांगन- जांजगीर क्षेत्र के पूर्व विधायक और वरिष्ठ नेता मोतीलाल देवांगन भी पीसीसी चीफ की दौड़ में शामिल हैं, इनका आला कमान से सीधा जुड़ाव हैं.
समान्य वर्ग से-
सत्यानारायण शर्मा- वरिष्ठ कांग्रेसी नेता , विधायक और पीसीसी के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष समान्य वर्ग से प्रबल दावेदार में शामिल हैं.
शैलेष नितिन त्रिवेदी- पीसीसी मीडिया विभाग के प्रमुख और वरिष्ठ नेता शैलेष नितिन त्रिवेदी भी समान्य वर्ग से पीसीसी चीफ के रेस में बने हुए हैं.
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद पीसीसी चीफ भूपेश बघेल को जब मुख्यमंत्री बनाया गया तब से आज तक बघेल दोहरी जिम्मेदारी संभाल रहे है. जानकारी के मुताबिक अब चुनाव खत्म होने के बाद सीएम बघेल खुद चाहते हैं कि वे अपना सारा समय सरकार को दें ताकी बची हुई व्यवस्था बहाल हो सके. इस पूरे मामले में कांग्रेस संचार विभाग प्रमुख शैलेष नितिन त्रिवेदी का कहना है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में एतिहासिक जीत हासिल की. इसके बाद भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ और पार्टी के मुखिया बनें. नए पीसीसी अध्यक्ष पर फैसला पार्टी नेतृत्व ही करेगी.
वहीं बीजेपी प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास का कहना है कि भूपेश बघेल के सीएम बनने के बाद कार्यकर्ताओं से दूर हो गए हैं और कांग्रेस भगवान भरोसे चल रहा है. इस वजह से ये कवायद की जा रही है. वहीं राजनीतिक विश्लेषक रविकांत कौशिक का कहना है कि जब कांग्रेस ने ओबीसी वर्ग से बनाया था तब बीजेपी ने भी इसी वर्ग से अपना प्रदेश अध्यक्ष चुना था. अब जब बीजेपी ने बस्तर से पहली बार किसी आदिवासी चेहरे को अपना प्रदेश अध्यक्ष बनाया है तो ऐसा हो सकता है कि कांग्रेस भी आदिवासी वर्ग के चेहरे को पीसीसी बना सकती है.