छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह के दामाद डॉ. पुनीत गुप्ता की मुश्कीलें कम होती नजर नहीं आ रही है. एमडी की डिग्री लेने समय से पहले परीक्षा देकर फर्जीवाड़ा करने का आरोप डॉ. पुनीत गुप्ता कर लगा है. मामला सामाने आने के बाद कांग्रेस नेता राकेश गुप्ता ने इस मामले की शिकायत रायपुर एसपी आरिफ शेख से की थी. फिलहाल इस मामले में जांच चल रही है. मामला सामने आने के बाद 1 मई को पुनीत गुप्ता ने अग्रिम जमानत के लिए याचिका लगा दी थी. अग्रिम जमानत की याचिका पर शुक्रवार को जिला न्यायालय में सुनवाई होगी. मालूम हो कि डीकेएस अस्पताल में 50 करोड़ रुपए के फर्जीवाड़ा में अस्पताल अधीक्षक के के सहारे की ओर से डॉ. पुनीत गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इसके बाद कई बार पुनीत गुप्ता को बयान दर्ज कराने और पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया जा चुका है लेकिन अब तक वे गोल बाजार पुलिस के सामने पेश नहीं हुए है और न ही अपना बयान दर्ज कराया है.
बता दें, डॉ. पुनीत गुप्ता ने खुलेआम राज्य के नियम कायदों की धज्जियां उडा़ई और मनमुताबिक मेडिकल चिकित्सा की डिग्रियां हासिल कर ली थी. मिली जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के दामाद पुनीत गुप्ता ने पोस्ट ग्रेजुएशन नेफ्रोलॉजी में किया है, जबकि उन्हें पीएचडी की उपाधि बायोटेक्नॉलॉजी में मिली है. डॉ. पुनीत गुप्ता ने 3 अक्टूबर 2009 में रविशंकर शुक्ल विवि रायपुर में पीएचडी के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था, जबकि यूजीसी की गाईडलाईन के मुताबिक रजिस्ट्रेशन से छह माह पहले कोर्स वर्क करना अनिवार्य होता है, लेकिन उन्होंने ये नहीं किया था. पिछले साल सरगुजा विश्वविद्यालय में डॉक्टर ऑफ साइंस के लिए अप्लाई कर दिया. हालांकि भारी दबाव के बाद इसे खारिज कर दिया गया था. गौरतलब है कि सरगुजा विश्वविद्यालय ने अपने इतिहास में आज तक किसी को डॉक्टर ऑफ साइंस की डिग्री नहीं दी है. आपको ये जानकार भी हैरानी होगी कि रविशंकर और सरगुजा दोनों ही यूनिर्वसिटीज में मेडिकल की पढ़ाई ही नहीं होती.