नेपाल ने हिमालय की बर्फीली वादियों में ‘येति की खोज’ को नकार दिया है. नेपाल सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियन बिज्ञान देव पांडे ने एक वेबसाइट से बातचीत में कहा कि भारतीय सेना को पैरों के जो निशान मिले, वह ‘येति’ नहीं, भालू के थे. भारतीय सेना ने 29 अप्रैल को ट्वीट कर दावा किया था कि एक पर्वतारोही दल ने 9 अप्रैल 2019 को नेपाल-तिब्बत सीमा के मकालू-बरुन नेशनल पार्क में येति (हिममानव) के पैरों के निशान देखे हैं. सेना के आधिकारिक ट्विटर हैंडल @ADGPI से पर्वतारोही दल के साथ कुछ तस्वीरें भी ट्वीट की गई थीं.
ब्रिगेडियन पांडे ने कहा, “भारतीय सेना की एक टीम ने पैरों के निशान देखे और हमारी टीम उनके साथ थी. हमने तथ्य की जांच करने की कोशिश की, लेकिन स्थानीय लोगों और पोर्टर्स ने दावा किया कि यह जंगली भालू के पैरों के निशान हैं जो अक्सर इस इलाके में दिख जाते हैं.“