कर्नाटक के टुमकारू में कंपनी से दुकान में प्रेशर कूकर डिलीवर करने वाले शिवकुमार को लोडिंग कार चलाते हुए हार्ट अटैक हो गया और उसकी मौत हो गई। घटना दोपहर 12 बजे की है जब शिवकुमार को हार्ट अटैक हुआ। इस दौरान गर्मियों की छुट्टियों के चलते स्कूल जाने की जगह पिता के साथ काम पर जाने वाला उनका 10 साल का बेटा पुनीर्थ भी उनके साथ था।
कार चलाते पिता को हार्ट अटैक होते ही बच्चे ने दिखाई समझदारी
97 किलोमीटर कार चला चुके शिवकुमार को जैसे ही हार्ट अटैक हुआ, उनके बेटे ने तुरंत इस बात को समझ लिया। बच्चे ने समझदारी दिखाते हुए स्टीरिंग व्हील के एक तरफ घुमा कर किसी तरह कार को रोका। ऐसा करने से उसने खुद के भी गंभीर सड़क दुर्घटना का शिकार होने से बचाया।
कार में अकेला बैठ बिलख रहा था मासूम
कार के एक तरफ सुरक्षित कर पुनीर्थ ये समझ चुका था कि उसके पिता की मौत हो गई है। वह कार के भीतर ही पिता के बगल में बैठकर अकेला बिलखकर रो रहा था। पुनीर्थ का छोटा भाई नरसिम्हाराजू अभी इतना छोटा है कि वह पिता की मौत को समझ भी नहीं सकता। शिवकुमार की पत्नी मुनीरथनम्मा एक गारमेंट फैक्टरी में काम करती है। रिश्तेदारों को अभी तक मुनीरथनम्मा को ये दुखद खबर देने की हिम्मत नहीं हो सकी है।
काम से प्यार करता था शिवकुमार
दर्गादहल्ली का रहने वाला शिवकुमार अपनी विधवा सास की देखभाल के लिए अलालासांड्रा गांव में रहने लगा था। शिवकुमार के पड़ोसी ने बताया कि शिवकुमार काम के प्रेम करने वाला मेहनती इंसान था। अचानक उसकी मौत हो जाना और पीछे परिवार को छोड़ जाना दुखद है।