सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में आम जनता को सस्ती दवा उपलब्ध कराने के लिए जिला अस्पताल सहित सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में जन औषधि केंद्र खोले गए हैं। किन्तु आज भी इसका लाभ जिलेवासियों को नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि इन केंद्रों में हमेशा दवाइयों की कमी बनी रहती हैं। वहीं इन केंद्रों को चलाने वाले संचालकों का कहना है कि डिपो में ही स्टॉक कम है, जिस कारण जितनी दवाइयों की मांग की जाती हैं उस हिसाब से दवाइयां उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। वहीं जिला अस्पताल बैकुण्ठपुर में लगभग 1 महीने में काफी दिनों तक जन औषधि केंद्र बंद रहता है, कभी कभार ही जन औषधि केन्द्र को खोला जाता है किन्तु अभी भी दवाइयों का जो स्टॉक होना चाहिए वह नहीं है। यही हाल सामुदायिक स्वास्थ केंद्र मनेन्द्रगढ़, पटना, जनकपुर और खड़गवां में संचालित जन औषधि केंद्रों का भी है। चूंकि प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र योजनाओं के तहत सरकार द्वारा महंगें दामों वाले जेनेरिक दवाओं को घटे दाम पर आमजनों तक मुहैया कराना है। लेकिन हकीकत कुछ और ही बयान कर रही है। इन सभी जगहों में खुले जन औषधि केन्द्रों के लाभ से आमजन अब भी वंचित है।
सरकार दावा तो बहुत करती है लेकिन सरकारी नुमाइंदों के चलते आमजनों को कई शासकीय योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता। वहीं कई सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र में संचालित जन औषधि केन्द्र 24 घन्टे खुले नहीं रहते, रात में मरीजों को दवाई के लिए न जाने कहां-कहां भटकना पड़ता है। जिससे जिला अस्पताल में ही खुले जन औषधि केंद्र में अव्यवस्था हावी है। वही अधिकारी किसी भी अव्यवस्था से इंकार कर रहे जब कि जिला अस्पताल में उपलब्ध जन ओषधि केंद्र में दवाइयों के न होने व लगातार बंद रहने से दूर दराज से आये गरीब मरीजों को विवश होकर निजी मेडिकल स्टोर में उपलब्ध महंगी दवाइयों को खरीदना पड़ता है, जिससे शासन द्वारा जिला अस्पताल में उपलब्ध जन औषधि केंद्र जिस उद्देश्य से खोला गया था अब दम तोड़ती नजर आ रही हैं।
शासन द्वारा शासकीय अस्पताल में उपलब्ध डाक्टरों को जेनरिक दवा लिखने के निर्देश पूर्व में दिए गए थे, किंतु जन औषधि केंद्र में दवा उपलब्ध न होने के कारण डॉक्टरों द्वारा विवश होकर बाहर से दवा लिखना पढ़ता है, जिससे मरीजों के जेब में अतिरिक्त बोझ पड़ता है। इस मामले में मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी कोरिया आर शर्मा का कहना है कि शासन से मिले दिशा-निर्देश के अनुसार जिला अस्पताल सहित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में जन औषधि केंद्र का संचालन किया जा रहा है। जहां डाक्टरों को भी जेनरिक दवा लिखने के सख्त निर्देश दिया गया हैं। वहीं दुकान संचालकों को सभी दवा रखने को कहा गया हैं, यदि किसी केंद्र में दवा नहीं है तो जानकारी लेकर सभी केंद्रों में दवाइयां उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि कम दर में सभी को अच्छी दवा उपलब्ध हो सके।