योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि पर उपभोक्ताओं को जीएसटी दर की कटौती का लाभ न देने के आरोप लगे हैं। इसकी वजह से पतंजलि जांच के घेरे में भी आ गई है। पतंजलि के अलावा और कई कंपनियों पर भी जीएसटी दर की कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को नहीं देने के आरोप लगे हैं। एफएमसीजी कंपनी आईटीसी भी जांच के घेरे में है। बिजनेस न्यूज पेपर बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मुनाफाखोरी निरोधक महानिदेशालय (डीजीएपी) ने आईटीसी को इस पर एक नोटिस भी जारी किया है। आईटीसी ने इसकी पुष्टि की है कि उन्हें डीजीएपी की तरफ से एक नोटिस जारी हुआ है और वह उन्हें हर तरह का सहयोग प्रदान कर रहे हैं
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 2017 में 178 उत्पादों पर जीएसटी में कटौती की थी। इन उत्पादों पर जीएसटी की दर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया था। इन दोनों कंपनियों पर आरोप है कि इन्होंने कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को न दे कर मुनाफाखोरी की है। डीजीएपी जीएसटी नियमों के आधार पर इन दोनों कंपनियों से पूछ रही है कि जीएसटी दर में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को मिला या नहीं। डीजीएपी इन कंपनियों से जानना चाहती है कि इस दौरान कितनी मुनाफाखोरी की गई।
डीजीएपी के मुताबिक पतंजलि आयुर्वेद ने अपने एफएमसीजी उत्पादों पर जीएसटी दर में कटौती के दिन से अगस्त 2018 तक कुल 176 करोड़ रुपए की मुनाफाखोरी की। बाबा रामदेव के नेतृत्व वाली पतंजलि पर मुनाफाखोरी की जांच का पता लगाने के लिए डीजीएपी इसका समय मार्च 2019 तक बढ़ा रही है।
पतंजलि और आईटीसी के अलावा मल्टीनेशनल कंपनी प्रोक्टर एंड गैंबल, जॉनसन एंड जॉनसन और सैमसंग जैसी कंपनियों पर भी उपभोक्ताओं को जीएसटी दर में कटौती का फायदा न देने का आरोप है। इन कंपनियों पर घटी जीएसटी दरों का लाभ उपभोक्ताओं को न देने के लिए मुनाफाखोरी के आरोप लगे हैं।