लोकसभा चुनावों के बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी दो नई मुसीबतों में फंस गए हैं। बिहार में राहुल गांधी को पटना की अदालत से समन भेजा गया है। वहीं दूसरी और आरा की सिविल कोर्ट ने उन पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। मानहानि केस बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कोर्ट में दाखिल किया है, तो पिछले दिनों समस्तीपुर में महागठबंधन की तरफ से आयोजित संयुक्त रैली में भी राहुल गांधी द्वारा ‘चौकीदार चोर है’ के नारे लगाने पर मुकदमा दर्ज किया गया है।
पटना की कोर्ट ने भेजा समन
पटना की अदालत ने राहुल गांधी को मानहानि केस में शनिवार को समन भेजा है। उन्हें 20 मई तक पेश होने का आदेश दिया गया है। राहुल गांधी पर मानहानि का केस बीजेपी नेता सुशील मोदी ने दायर किया है, जो कि बिहार के उपमुख्यमंत्री भी हैं। उन्होंने राहुल पर आरोप लगाया है कि उन्होंने ये टिप्पणी करके उनकी छवि खराब की है कि सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों है? उन्होंने कोर्ट से कहा था कि राहुल पर उनके बयान के लिए मानहानि से संबंधित धाराओं के तहत संज्ञान लिया जाए और उन्हें समन जारी करके उनके खिलाफ सुनवाई की जाए।
आरा की कोर्ट ने राहुल के खिलाफ मुकदमा किया दर्ज
आरा सिविल कोर्ट ने समस्तीपुर में एक चुनावी रैली के दौरान बार-बार ‘चौकीदार चोर है’ के नारे लगवाने के मामले में राहुल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। कोर्ट ने इस मामल में राहुल के साथ-साथ आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के खिलाफ भी केस दर्ज किया है। महागठबंधन की रैली में वो भी राहुल गांधी के साथ मंच शेयर कर रहे थे और नारे लगवाने के दौरान वहां मौजूद थे। राहुल ने अपने भाषण के अंत में लोगों से बार-बार ‘चौकीदार चोर है’ के नारे लगवाए थे।
सुप्रीम कोर्ट में जताया था खेद
राहुल गांधी ने राफेल खरीद मामले में सुप्रीम कोर्ट में अपने उस बयान के लिए खेद के लिए जिसमें उन्होंने कोर्ट का हवाला देते हुए ‘चौकीदार चोर है’ का बयान दिया था। कोर्ट द्वारा राफेस मामले में पुनर्विचार याचिका को मंजूरी देने के बाद राहुल ने ये बयान दिया था। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में राहुल गांधी ने कहा था कि उन्होंने चुनावी जोश में ये कह दिया था।