इससे पहले कांग्रेस ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की चिट्ठी के बल पर न्याय योजना को प्रमोट करने की कोशिश की थी. अब काग्रेस ने प्रियंका गांधी की आवाज के बल पर न्याय स्कीम को प्रमोट करने का फैसला किया है. पार्टी को उम्मीद है कि इससे जनता में न्याय स्कीम की पॉपुलरिटी बढ़ाई जा सकती है. पार्टी ने यह फैसला इसलिए लिया है क्योंकि ऐसा फीडबैक आ रहा था कि ज़मीनी स्तर पर न्याय स्कीम की घोषणा का जनता पर बहुत फर्क नहीं पड़ रहा है.
लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के लिए वोट करने वाले झारखंड, मध्य प्रदेश और राजस्थान के करीब 40 लाख लोगों के लिए प्रियंका गांधी का रिकॉर्डेड मैसेज भेजा गया है. इस मैसेज में ‘न्याय स्कीम’ के बारे में सबकुछ बताया गया है. उत्तर प्रदेश के मतदाताओं को भी ऐसा ही मैसेज भेजकर न्याय स्कीम के बारे में विस्तार से बताने की कोशिश की गई थी.
रिकॉर्डेड मैसेज में प्रियंका गांधी मतदाताओं को यह बताने की कोशिश कर रही हैं कि देश के सबसे गरीब 20 फीसदी परिवारों को हर महीने 6,000 रुपये दिए जाएंगे. पैसे सीधे महिलाओं के बैंक खातों में भेजे जाएंगे.
इससे पहले राजस्थान में चिन्हित परिवारों तक राहुल गांधी की ओर से लिखे गए पत्र को पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पहुंचाया था. इससे कांग्रेस को उम्मीद है कि इसका लाभ पार्टी को लोकसभा चुनाव में मिलेगा. राज्य में ऐसा पहली बार था जब राहुल गांधी के नाम का लोगों को पत्र मिला. उस पत्र में राहुल गांधी ने न्याय स्कीम के बारे में लोगों को विस्तार से बताया था.
ऐसा बताया जा रहा है कि लगभग 50 लाख परिवारों को पत्र भेजकर कहा गया कि कांग्रेस की सरकार आने पर उन्हें सालाना 75,000 रुपये दिए जाएंगे. कांग्रेस के जमीनी स्तर को कार्यकर्ताओं को इसका जिम्मा सौंपा गया था. न्याय योजना पर राहुल गांधी की ओर से लिखे गए पत्र को कांग्रेस ने गरीबी पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ बताया था.
फीडबैक मिलने के बाद पार्टी को लगा कि इसमें प्रियंका गांधी को शामिल करना चाहिए. इस योजना को लेकर अभी जमीनी स्तर पर बहुत सारे ऐसे सवाल थे, जिसका जवाब लोगों को नहीं मिल रहा था. लोगों को इससे अवगत कराना जरूरी है. पार्टी के गढ़ रायबरेली और अमेठी से भी ऐसे ही फीडबैक मिल रहे थे.
ऐसा कहा जाता है कि न्याय योजना का कॉन्सेप्ट प्रियंगा गांधी ने ही दिया था. उन्होंने कहा था कि पार्टी को विशेष राहत पैकेज के तौर पर प्रत्येक परिवार के लिए विशेष राशि की घोषणा करनी चाहिए. इससे लोगों को सीधा लाभ मिलेगा. यह भी उन्हीं का विचार था कि इस योजना का नाम ‘न्यूनतम आय योजना या न्याय’ होना चाहिए.