एमपी की संस्कारधानी कहे जाने वाले शहर जबलपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी आमसभा आयोजित हुई. इस आमसभा की खासियत यह थी कि यह सभा प्रधानमंत्री मोदी के नाम से शुरू हुई और लगभग 37 मिनट की स्पीच में 25 से अधिक बार वे अपना ही नाम मोदी-मोदी लेते रहे. अपनी पार्टी भारतीय जनता पार्टी का नाम लेना उन्होंने जरूरी नहीं समझा, यही नहीं उन्होंने प्रत्याशियों का नाम लेना भी उचित नहीं समझा. इतना जरूर है कि कमल निशान पर वोट देने की अपील जरूर उन्होंने की. इसको लेकर राजनीतिक गलियारों, खासकर भाजपा के ही नेताओं के बीच चर्चा रही.
अपने चिर-परिचित अंदाज में उन्होंने अपने भाषण की शुरूआत चौकीदार से ही की, विपक्षी दल, खासकर मध्य प्रदेश में कांग्रेस ही मुख्य प्रतिद्वंद्वी है, इसलिए कांग्रेस की एमपी की सरकार व परिवारवाद पर गांधी परिवार की भी जमकर आलोचना की.
नेता के सामने पार्टी हुई गौड़
आमसभा स्थल पर उपस्थित जनसमूह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण को सुनने उत्साहित नजर आया, लेकिन पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता, कई पदाधिकारी उत्साहित तो जरूर रहे, लेकिन भाषण के अंत में पीएम मोदी के मुख से भाजपा का नाम सुनने का ेतरस गये, लेकिन वे इतने में ही संतुष्ट थे कि चलो भाजपा नहीं कहा तो क्या हुआ, कमल निशान तो कह गये, आखिर कमल निशान तो भाजपा का ही चुनाव चिन्ह है.
जो कह रहे थे लहर नहीं, उनके मुंह उतरे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को जबलपुर में चुनावी सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश ने 300 सीटों पर अपना जनादेश दे दिया है. आज स्थिति ये है कि 11 अप्रैल से पहले जो कह रहे थे चुनाव में कोई लहर नहीं है. ये सारे घुटने टेक चुके हैं. ये जन सागर गवाह है कि पूरा देश नए भारत के निर्माण के लिए जुट गया है. मैं जब से मंच पर बैठा हूं. मेरी नजर बायी तरफ उस रोड पर है. मैं हैरान हूं कि कतार खत्म ही नहीं हो रही है. लोग आ ही रहे हैं. लोग चले आ रहे हैं. जिस मात्रा में आ रहे हैं. कई लोग होंगे जो मेरे जाने के बाद भी नहीं पहुंच पाएंगे.
मोदी को गाली देने की प्रतिस्पर्धा
पीएम मोदी ने कहा कि जबलपुर की धरती से उठ रही लहर ललकार बन चुकी है. ये वो लोग कुछ दिन पहले तक मोदी को गाली देने में प्रतियोगिता में जुटे थे. महामिलावटी लोगों में शामिल हर एक ने स्पेशल ब्रांच खोल कर रखी है, जो दुनिया की अलग-अलग डिक्शनरी में गाली खोजते रहते हैं. उनके बीच में प्रतिस्पर्धा चल रही है कि कौन मोदी को बड़ी गाली दे.
यह चुनाव सामान्य नहीं, 21वीं सदी में भारतवर्ष की भूमिका का चुनाव
उन्होंने कहा कि चुनाव सामान्य नहीं है. सिर्फ इस दल का विजय हो, कौन सांसद बने, कौन प्रधानमंत्री बने इसका चुनाव नहीं है. सुखी समृद्ध भारत बनाने का चुनाव है. बच्चों का भविष्य क्या हो इसकी गारंटी लेने का चुनाव है. ये दुनिया में भारत का सही स्थान तय करने का चुनाव है. इस चुनाव का नेतृत्व भी करोड़ों बेटे बेटी कर रहे हैं. 21वीं सदी की दुनिया में भारत की भूमिका क्या होगी. आने वाले पांच वर्ष में तय करने वाला है. इस चुनाव का नेतृत्व भी करोड़ों बेटे बेटी कर रहे हैं. जो 21वीं सदी में पहली बार देश की सरकार चुन रहे हैं. ये जो नौजवान है जो 21वीं सदी में पैदा हुए हैं. हमारे के बीच बहुत से ऐसे हैं जो 20वीं सदी का भी प्रभाव है. लेकिन ये नौजवान ऐसे हैं कि इन्हें 20 की हवा नहीं लगी. ये 21वीं सदी के तेज तर्रार युवक हैं. इनके लिए पूरी जिंदगी इस 21वीं शताब्दी में गुजारनी है. इसके लिए उन नौजवानों को तय करना है कि वो 21वीं सदी उसकी मजबूत नींव इस पांच वर्ष में कौन रख सकता है. जिसके भरोसे उनकी पूरी जिंदगी हंसते-खेलते बीतने का सौभाग्य प्राप्त हो.
मप्र में कानून व्यवस्था चौपट, ट्रांसफर उद्योग फल-फूल रहा
मोदी ने कहा कि कांग्रेस को नोटबंदी पर इतना दर्द हुआ कि अभी भी आंसू नहीं सूख रहे हैं. देश को जानना जरूरी है. उदाहरण यहीं मप्र में देखने को मिला है. कांग्रेस की एमपी में 15 वर्षों बाद सरकार बनी. इधर-उधर से मदद लेकर. जनता ने जनमत नहीं दिया. किसानों की कर्जमाफी का वादा किया था. बेरोजगार नौजवानों को भत्ता देने की बात कही थी. भूल जाओगे नहीं चलेगा. चुनाव में वादा किया था. पिटारे से निकाली थी. हुआ क्या कुछ? कुछ मिला क्या. वादा निभाया क्या. ये तो कुछ भी नहीं कर पाए. ढाई महीने के भीतर तीन काम जरूर किए. पहला कानून व्यवसथा चौपट कर दी. डकैतों व अपहरण कर्ताओं को नई ऊर्जा मिल गयी. दूसरा काम ट्रांसफर उद्योग खूब फला-फुला. नीलामी हो रही पोस्टिंग की. तीसरा बड़ा काम एमपी में देखा नोटों से भरे थैले कांग्रेस के पीए से मिला. कांग्रेस ने रेकॉर्ड ढाई महीने में महीने के भीतर तुगलक रोड चुनाव घोटाला कर दिया है. ये ट्रेलर है. अभी तो पांच वर्ष बाकी है. ये तो मप्र है, उनकी निगाहें हिन्दुस्तान पर है. एमपी में इतनी लूट कर सकते हैं तो पांच वर्ष में कितनी हेागी हिसाब लगाओ. मौका हिन्दुस्तान को लूटने को मिला तो कुछ बचेगा. कितना भी मोदी विरोधी होगा ऐसी गलती करेगा.
कांग्रेस नेताओं की नीयत भ्रष्ट, नेता भ्रम में और नीत भटकी हुई
उन्होंने कहा कि तकनीक की बदौलत देश को सशक्त बना रहे हैं. कुछ नया करने के लिए नीयत सही होनी चाहिए. कांग्रेस नेताओं की नीयत भ्रष्ट है. नेता भ्रम में है और नीत भटकी हुई है. यही कारण है कि कांग्रेस सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण देने की बात अपने घोषणा पत्र में लिखती रही, लेकिन कभी हिम्मत नहीं जुटा पायी. आपके इस सेवक ने सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण दे दिया. किसी का हक नहीं छीना. देश में तनाव भी नहीं होने दिया. कांग्रेस की नाकामियों की लिस्ट बड़ी लम्बी है. 12 करोड़ किसानों के खातों में 75 हजार करोड़ हर वर्ष जमा हो रहे हैं. एमपी के किसानों को लाभ नहीं मिल रहा है. यहां की सरकार लिस्ट नहीं दे रही है. खाते नहीं दे रही हैं.उन्हें अपनी संतानों की चिंता है, आपके बेटों की चिंता कहां से करेंगे
बेटों का कैरियर में बनाने में जुटी कांग्रेस
उन्हें सिर्फ अपने परिवार की चिंता होती है. दिल्ली में नामदार है तो एमपी व राजस्थान में बेटों का कैरियर बनाने में लगे हैं. राजस्थान के सीएम जोधपुर में बेटे को जिताने तो एमपी के सीएम छिंदवाड़ा में बेटे की चिंता में लगे हैं, आपके बेटे की चिंता कहां से करेंगे. उन्हें अपनी संतानों की चिंता है.-यही कारण है कि राष्ट्र्रवाद को गाली देते हैं. उनमें पाकिस्तान का पैरोकार बनने की ऐसी होड़ थी कि डोकलम विवाद, सर्जिकल और एयर स्ट्राइक पर देश के विरोध में खड़े दिखे. आपका ये चौकीदार आतंकियों को घर तक ले गया. अब ये 21वीं सदी का भारत है, जो आतंकियों को उनके ही घर में घुस कर मारेगा.
सभी ने अपने टेलर को कपड़े सिलाने दे दिए हैं.
उन्होंने कहा कि आठ सीट वाला भी पीएम बनने का सपना देख रहा है. 20 और 40 वाला भी सपना देख रहा है. मैं पूछ रहा हूं. पीएम की कतार में जो भी हैं. सबके चेहरे याद करो. कौन चेहरा है जो आतंकवाद को मिटा सकता है.
जबलपुर का तेज गति से हुआ विकास
पीएम मोदी ने कहाकि आज जबलपुर में पहले की तुलना में दो गुना गति से रेल, सडक़ और इंफ्रास्ट्रक्चर पहुंचाने का काम हो रहा है. जबलपुर में स्मार्ट सुविधाओं का काम चालू हैं. जबलपुर में महाकौशल में सुवधिाएं बढ़ायी जा रही हैं. बिजली बनाने की बात हो. देश के सामान्य जीवन सुरक्षा समृद्ध नया भारत तभी बन पाएगा. कमल के फूल का बटन दबाएंगे. आपका हर वोट सीधा-सीधा मोदी के खाते में जाएगा. गरमी कितनी ही क्यों न हो. लोगों को वोट देने बूथ तक ले जाना हमारी जिम्मेदारी. पहले मतदान फिर जलपान.