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मछुआरे दूर रहें समुद्र से, दो दिन बाद लेगा खतरनाक रूप

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चेन्नई। देश में इन दिनों मौसम के अलग-अलग रंग नजर आ रहे हैं। दक्षिण भारत में जहां बारिश की फुहार नजर आ रही है वहीं दूसरी तरफ बंगाल की खाड़ी में बन रहे कम दबाव के क्षेत्र की वजह से चक्रवात फनी को लेकर अलर्ट भी जारी कर दिया गया है। बंगाल की खाड़ी के साथ ही हिंद महासागर के पूर्वी भूमध्यवर्ती इलाके में कम दबाव का क्षेत्र बना है। मौसम विभाग का कहना है कि चक्रवाती तूफान तेजी से केरल की तरफ बढ़ रहा है। अभी उसकी गति 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की है, जिसके 30 अप्रैल तक बढ़कर 90-100 किलोमीटर प्रति घंटे होने की संभावना है। विभाग के मुताबिक 29 अप्रैल के बाद समुद्र खतरनाक रूप ले सकता है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार चक्रवाती तूफान के कारण तमिलनाडु में 30 अप्रैल से बारिश होगी। अगले 48 घंटे में हिंद महासागर के भूमध्य रेखीय इलाके व उससे जुड़ी बंगाल की खाड़ी के क्षेत्रों में बना कम दबाव का क्षेत्र तीव्र होकर दबाव क्षेत्र और चक्रवाती तूफान में तब्दील हो जाएगा। तूफान उत्तरी तमिलनाडु तट से गुजर कर उत्तर-पश्चिमी दिशा में श्रीलंका की ओर बढ़ जाएगा। विभाग का कहना है कि इसके प्रभाव से 30 अप्रैल व 1 मई को तमिलनाडु के अधिकांश हिस्सों में बारिश होगी और कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने चक्रवाती तूफान फनी को लेकर शुक्रवार को केरल में रेड अलर्ट जारी किया है। हिंद महासागर और उससे सटे बंगाल की खाड़ी में कम दबाव क्षेत्र से बने फनी चक्रवात से केरल के तटवर्ती इलाकों में भीषण तूफान के साथ बारिश की संभावना जताई गई है। मछुआरों से समुद्र से दूर रहने को कहा गया है। तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटवर्ती क्षेत्रों में भी भारी बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग के मुताबिक बंगाल की खाड़ी के सुदूर पूर्वी इलाके में कम दबाव क्षेत्र के चलते उठे चक्रवाती तूफान के कुछ दिनों में दक्षिण भारत के तटवर्ती इलाकों से टकराने की संभावना है। इसको देखते हुए विभाग ने 28 अप्रैल को तटवर्ती तमिलनाडु, पुडुचेरी और केरल में कहीं हल्की तो कहीं सामान्य बारिश की संभावना जताई है। इन इलाकों में 30 अप्रैल और एक मई को भारी और अत्यंत भारी बारिश की भविष्यवाणी भी की है। केरल में फिलहाल मौसम सामान्य है। धूप खिल रही है और समुद्र भी शांत बना हुआ है। लेकिन मौसम विभाग और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा अलर्ट जारी किए जाने के बाद राज्य के सबसे बड़े मछुआरों के इलाके वलियातुरा में डर और दहशत का माहौल है। यहां लगभग तीन हजार मछुआरे रहते हैं।