तमिलनाडु के नामक्कल जिले में एक सरकारी अस्पताल की पूर्व नर्स और उसके पति को बच्चों को अवैध रूप से बेचने और चोरी के आरोप में गुरुवार को गिरफ्तार किया गया है। राज्य के स्वास्थ्य सचिव बीला राजेश ने इस मामले में नामक्कल जिला कलेक्टर को निर्देश दिया कि वे राज्य में नवजात शिशुओं की चोरी और अवैध खरीद-फरोख्त मामले में जांच करें। दरअसल बच्चा चोर गिरोह की महिला और ग्राहक के बीच हो रही सौदेबाजी का एक ऑडियो सामने आया है। इस ऑडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने की वजह से स्वास्थ्य प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
रंग और लुक के आधार पर तय होते है रेट
जिस पूर्व नर्स का ऑडियो वायरल हुआ है उसका नाम अमुथवल्ली बताया जा रहा है। महिला के साथ पुलिस ने उसके पति को भी गिरफ्तार किया है। अमुथवल्ली के वायरल हुए इस ऑडियो में नवजात का रंग और उसके लुक के आधार पर ग्राहक से वह सौदेबाजी कर रही है। इसमें यह भी तय होता है कि, ग्राहक को लड़का चाहिए या लड़की। लड़के के लिए अधिकतम 4.25 लाख तक की रकम मांगी जाती है तो वहीं लड़की के लिए 2.70 लाख रुपए में सौदा तय होता है।
वह तीस साल से कर रही है ये अवैध धंधा
नर्स अपने ग्राहक को बताती है कि, अगर सुंदर बच्चा चाहिए तो उसके रेट और अधिक होंगे। इसके लिए आपको पहले एडवांस में पेमेंट करना होगा, जो 30 हजार रुपए से कम नहीं होना चाहिए। इसके बाद बच्चे की प्रोसेस शुरू होगी। जब आप बच्चे को लेने के लिए यहां आएंगे तो आप शेष राशि का भुगतान कर सकते हैं। अमुथवल्ली ने 10 साल पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी। वह खरीद-बिक्री में एजेंट की भूमिका में काम करती है। वह पिछले तीस साल से इस काम को अंजाम दे रही है।
ऑरजिनल सार्टिफिकेट के लिए देने होंगे 70 हजार
ऑडियो क्लिप के शुरू में, महिला यह कहते हुए सुनाई देती है कि जिस बच्चे को वह पहले खरीदना चाह रहे थे, वह किसी और को बेच दिया गया है। पूर्व नर्स ने शख्स को बताया कि, अगर वह अपने बच्चे का ऑरजिनल सार्टिफिकेट चाहते हैं तो वह भी उन्हें कुछ हफ्तों में दिलवा दूंगी। इसके लिए उन्हें 70 हजार रुपए अलग से खर्च करने पड़ेंगे। आप इसकी मदद से अपने बच्चे को विदेश भी ले जा सकते हैं। मामले की जांच कर पुलिस अधिकारियों के बताया कि,अमुथवल्ली ने शुरुआत में कहा था कि वह कानूनी तरीकों के माध्यम से गोद लेने की सुविधाएं देती है। जब सख्ती से पूछा गया तो उसने बताया कि, वह अवैध तरीकों से इस काम में लिप्त थी।