व्यस्त ज़िंदगी में आपको प्राणायाम जरूर करना चाहिए। इससे आपको कई फायदा मिलेंगे व आपकी स्वास्थ्य अच्छी रहेगी। इंडियन परंपराओं में तन के साथ-साथ मन का स्वस्थ होना भी महत्वपूर्ण है। इन दोनों की राह सरल करता है प्राणायाम। तो आइये बता देते हैं ये आपके लिए ये कितना जरुरी है।
क्या है कपालभाती प्राणायाम
कपाल का मतलब माथा व भाती का अर्थ चमक होता है, और’ प्राणायाम का मतलब सांस लेने की तकनीक है। कपलभाती प्राणायाम एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है फोरहेड शाइनिंग ब्रीथिंग तकनीक।
प्राणायाम करने की विधि
कपालभाती प्राणायाम करने के लिए आप सिद्धासन, पद्मासन या वज्रासन में बैठकर सांसों को बाहर छोड़ने की क्रिया करें । सांसों को बाहर छोड़ने या फेंकते समय पेट को अंदर की ओर धक्का देना है ।
ध्यान रखें कि श्वास लेना नहीं है क्योंकि इस क्रिया में श्वास अंदर ही अंदर चली जाती है । हालांकि एक्सरसाइज के दौरान अपनी सीमाओं को ध्यान में रखें व तदनुसार प्रक्रिया के माध्यम से इस प्राणायाम करें ।
प्राणायाम के लाभ
प्राणायाम बॉडी से विषाक्त पदार्थों व अन्य अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालता है ।
यह किडनी व लीवर के कामकाज में सुधार करता है । इसके अतिरिक्त यह ब्लड सर्कुलेशन व पाचन को बढ़ाता है ।
यह आंखों से तनाव को दूर करता है व डार्क सर्कल मिटा को देता है ।
प्राणायाम आपके फेफड़ों को मजबूत करता है व उसकी क्षमता को बढ़ाता है ।
कपालभाती का नियमित एक्सरसाइज आपको सक्रिय करेगा व आपके चेहरे पर ग्लो लाएगा ।
यह स्मृति व एकाग्रता शक्ति में सुधार करता है ।
यह अवसाद से दूर रखता है व सकारात्मकता उर्जा देता है ।
यह आपकी संवेदनशीलता की भावना को संतुलित करता है । यह एसिडिटी व गैस से संबंधित समस्याओं को दूर करता है ।
यह प्राणायाम मेटाबोलिक रेट को बढ़ाता है, इस प्रकार यह तेजी से वजन घटाने में सहायता करता है ।