राजिम। हनुमान जयंती के अवसर पर चैत पूर्णिमा को शाम 7:00 बजे वेदरतन सेवा प्रकल्प एवं आयाम महानदी की महाआरती समिति द्वारा अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन त्रिवेणी गंगा आरती घाट में किया गया। जिसमें श्रोतागण बड़ी संख्या में सम्मिलित होकर हास्य, व्यंग्य, श्रृंगार एवं गीत से सराबोर हो गए। कवियों ने एक से बढ़कर एक चुटकुले के साथ अपनी-अपनी विधा में कविताएं प्रस्तुत कर श्रोताओं को हंसने और गुदगुदाने के लिए मजबूर कर दिया। श्रोतागण ताली बजाकर कविताओं को बड़े ध्यान से सुन रहे थे। वहीं देशभक्ति गीतों के माध्यम से भी समा बांधे रखा। सर्वप्रथम मां सरस्वती की पूजन-अर्चना के साथ ही कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। सिवनी मध्यप्रदेश से पहुंचे हास्य कवि दिनेश देहाती ने चुटकुले के माध्यम से अपनी बात रखी और श्रृंगार व हास्य टुकड़िया देकर माहौल बना दिया।
उन्होंने कहा कि ख्वाहिशें गहरा समंदर भी खंगाल लेती है, एक बदसूरत सीप से खूबसूरत मोती निकाल लेती है। रायपुर से पहुंचे कवि मीर अली मीर ने छत्तीसगढ़ी संस्कृति को रेखांकित करते हुए गीत प्रस्तुत किया। पंछी के धुन मा गाए बजाएं, गांव की लीला चाउंर के चीला, मेला मड़ाई मा ढेलवा झुलईया, नंदा जाही का रे नंदा जाही का, कमरा अऊ खुमरी अरई तुतारी आरा… ररा…ता…ता…छो। हास्य व्यंग्य के कवि काशीपुरी कुंदन ने हास्य कविताओं के माध्यम से लोटपोट कर दिया उनकी व्यंग्य टुकड़िया देखिए- न दादागिरी में है न नेतागिरी में है। असली मजा तो यारों चमचागिरी में है। भद्रावती महाराष्ट्र के आनंद राज आनंद ने महानदी की महिमा का गुणगान किया तथा गीत व गजल देकर माहौल में रंग भर दी। उन्होंने देर समय तक हास्य के पंक्तियां भी प्रस्तुत की और लोगों को खूब गुदगुदाया। गीतकार मूलचंद मयंक एवं अनीता देशमुख की कविताएं श्रोताओं के बीच गहरी छाप छोड़ी।
इस मौके पर वेदरतन सेवा प्रकल्प के अध्यक्ष अशोक राजपूत ने कहा कि महानंदी मैया के कृपा से आज का यह कवि सम्मेलन हो रहा है और आप सभी श्रोताओं की उपस्थिति ने यह बात सिद्ध कर दिया कि यह साहित्यिक नगरी है जिनकी कविताओं की खुशबू सात समंदर पार में भी आलोक फैला रही है। पंडित रविशंकर शुक्ला सद्भाव साहित्य समिति के अध्यक्ष विक्रम मेघवानी ने चैत पूर्णिमा की बधाई दी तथा साहित्यिक आयोजन से ज्यादा से ज्यादा लोगों जुड़ने की अपील की। कार्यक्रम का संचालन युवा कवि एवं साहित्यकार संतोष कुमार सोनकर मंडल ने किया। इस अवसर पर आरबी शर्मा, आरएन तिवारी, बिहारी शर्मा अशोक गंगवाल, योगेंद्र राजपूत, महेश यादव, जे एस साहू, सनद शर्मा, लालचंद मेघवानी, चेतन मेघवानी, शरद शर्मा, अशोक शर्मा, संतोष सेन, दिनेश चौहान, किशोर निर्मलकर, व्यासनारायण चतुवेर्दी, सालिकराम सरसीज, गोपाल यादव, दानी राम, भोज राम साहू, आदि बड़ी संख्या में श्रोतागण उपस्थित थे।