Home समाचार श्रीलंका सीरियल बम धमाकों में 5 भारतीयों समेत 290 लोगों की मौत

श्रीलंका सीरियल बम धमाकों में 5 भारतीयों समेत 290 लोगों की मौत

34
0

श्रीलंका में रविवार को ईस्टर के दिन एक के बाद एक हुए लगातार 8 बम विस्फोटों में 290 लोगों की मौत हो गई है और सैकड़ों लोग जख्मी हैं. प्रशासन ने पूरे देश में कर्फ्यू लागू कर दिया है. श्रीलंका में गृहयुद्ध के अंत के बाद ये सबसे बड़ा खूनखराबा वाला दिन है. इस मामले में अभी तक 13 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.

  • श्रीलंका में एक के बाद एक हुए 8 ब्लास्ट
  • 13 संदिग्ध गिरफ्तार
  • सीरियल ब्लास्ट में अभी तक 290 लोगों की मौत
  • मृतकों में 5 भारतीय भी शामिल
  • करीब 500 लोगों के घायल होने की खबर
  • चर्च और होटलों में कुल 8 जगहों पर हुए ब्लास्ट
  • अस्थायी तौर पर सोशल मीडिया बैन

धमाके के बाद कुछ ऐसे हैं हालात

24 संदिग्ध हुए गिरफ्तार

श्रीलंका में लगातार 8 बम धमाकों के आरोप में अब तक कुल 24 संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया गया है. लोकल पुलिस का कहना है कि इस मामले में कुछ अन्य संदिग्धों की भी तलाश जारी है.

अब तक 13 लोग गिरफ्तार

श्रीलंका में हुए बम धमाकों के बाद अब तक कुल 13 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इन लोगों से पूछताछ जारी है. हालांकि अभी तक पुलिस की तरफ से ये साफ नहीं किया गया है कि ये लोग किस संगठन से जुड़े हैं.

एयरपोर्ट के नजदीक मिला बम

श्रीलंका में एयरपोर्ट के नजदीक एक आईडी बम मिला, जिसे सुरक्षाबलों ने कुछ ही देर में डिफ्यूज कर दिया. इसी तरह देश के हर शहर और रिहाइशी इलाकों में सर्च ऑपरेशन चल रहे हैं.

श्रीलंका में 3 भारतीयों की भी मौत

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बताया है कि श्रीलंका में हुए सीरियल ब्लास्ट में 3 भारतीयों की भी मौत हो गई है. सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत, श्रीलंका की हर तरह से मदद करने को तैयार है, मेडिकल टीम भी भेजने को तैयार है.

मृतकों में एक भारतीय महिला की पहचान

द न्यूज मिनट की रिपोर्ट के मुताबिक, श्रीलंका में हुए बम ब्लास्ट में 61 साल की रजीना ने जान गंवा दी है. रजीना केरल की रहने वाली थीं और कोलंबो में अपने रिश्तेदारों से मिलने गई हुईं थीं. चर्च में हुए धमाके में उनकी मौत हो गई. केरल सरकार ने उनके पार्थिव शरीर को वापस लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

पोप ने श्रीलंका में हुए हमले को ‘क्रूर हिंसा’ करार दिया

पोप फ्रांसिस ने रविवार को ईस्टर के मौके पर श्रीलंका में हुए हमले को ‘क्रूर हिंसा’ करार दिया और ईसाइयों की खुशी के इस त्योहार को दुनियाभर में हो रहे रक्तपात और राजनीतिक हिंसा पर अफसोस जाहिर किया. फ्रांसिस ने ईस्टर प्रार्थना सभा में हिस्सा लिया लेकिन धर्मोपदेश (पावन ग्रंथ का पाठन) नहीं किया.

भारत ने हमलों की कड़े शब्दों में की निंदा

भारत ने श्रीलंका में कई स्थानों पर रविवार को हुए सीरियल ब्लास्ट की निंदा की है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने आतंकवाद के हर रूप का हमेशा विरोध किया है और उसे खारिज किया है. इसके साथ ही मंत्रालय ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई का अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आह्वान किया है. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि आतंकवाद की किसी भी कार्रवाई को न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता. मंत्रालय ने कहा है, “हम पीड़ित परिवारों और श्रीलंका के लोगों व सरकार के प्रति अपनी गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हैं. हम हमलों में घायल लोगों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं. हम दुख की इस घड़ी में श्रीलंका के लोगों और वहां की सरकार के साथ खड़े हैं.”

207 लोगों की मौत

ताजा जानकारी के मुताबिक, श्रीलंका में हुए 8 सीरियल ब्लास्ट में अबतक 207 लोगों की मौत हो गई है. 450 से ज्यादा लोग घायल हैं. 7 संदिग्धों की गिरफ्तारी की गई है.

हमले के बाद चारों तरफ पसरा है मातम

श्रीलंका में रविवार को ईस्टर के दिन एक के बाद एक हुए लगातार आठ बम विस्फोटों के बाद अब हमले की दर्दनाक तस्वीरें तो सामने आ ही रही हैं साथ में ही चारों तरफ पसरे मातम की तस्वीरें भी आ रही हैं. अब तक 160 लोगों की मौत की खबर है, 450 से ज्यादा जख्मी हैं.

सोशल मीडिया पर बैन, कर्फ्यू

एक के बाद एक लगातार हुए विस्फोट के बाद अब श्रीलंका में अस्थायी तौर पर बैन लगा दिया गया है. कर्फ्यू भी लगा दिया गया है. वहीं मरने वालों की संख्या 160 तक पहुंच गई है. 450 से ज्यादा लोग जख्मी बताए जा रहे हैं.

श्रीलंका में 8वां ब्लास्ट

श्रीलंका में सीरियल ब्लास्ट थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. अब एक और ब्लास्ट की खबर है. यह आठवां ब्लास्ट है. इससे कुछ ही देर पहले एक ब्लास्ट हुआ था, जिसमें 2 लोगों की मौत हो गई थी.

ब्रिटेन की पीएम थेरेसा मे ने जताई संवेदना

श्रीलंका में हुए सीरियल बम धमाकों पर ब्रिटेन की पीएम थेरेसा मे ने संवेदना जताई है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, श्रीलंका के चर्चों और होटलों पर हुई यह हिंसा बेहत भयानक है. मेरी संवेदनाएं उनके साथ हैं जो इस घटना से पीड़ित हैं.