अमेठी। उत्तर प्रदेश में अमेठी के जिलाधिकारी और निर्वाचन अधिकारी डॉ0 राम मनोहर मिश्रा ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के अमेठी संसदीय सीट से नामांकन पत्रों की जांच सोमवार तक टाल दी है। राहुल गांधी पर नामांकन पत्रों में गलत जानकारी देने का आरोप लगाया गया है। निर्दलीय उम्मीदवार ध्रुव लाल मनोहर ने अफजल वारिस, सुरेश चंद्र और सुरेश कुमार ने शनिवार को राहुल गांधी के तीन विषयों की गलत जानकारी देने को आरोप लगाया है। पहला उनके नाम, दूसरा राष्ट्रीयता और तीसरा उनकी शैक्षिक योग्यता पर।
उन्होंने मांग की है कि राहुल गांधी के नामांकन पत्र को खारिज कर दिया जाना चाहिए। कांग्रेस नेता के वकील राहुल कौशिक द्वारा समय मांगे जाने के बाद निर्वाचन अधिकारी ने आपत्तियों पर 22 अप्रैल तक जवाब मांगा है। डॉ. मिश्रा ने बाद में एक आदेश जारी करते हुए कहा कि इस मामले की सुनवाई 22 अप्रैल को 10:30 बजे होगी। विवाद के कारण सभी 36 उम्मीदवारों की जांच स्थगित कर दी। अमेठी में छह मई को मतदान होगा। कांग्रेस ने इस कदम का विरोध किया है और दावा किया है कि गांधी परिवार की राष्ट्रीयता पर कोई कैसे सवाल उठा सकता है। जिला कांग्रेस अध्यक्ष योगेंद्र मिश्रा ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘देश में हर कोई स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान गांधी परिवार के इतिहास के बारे में जानता है। अब राहुल गांधी की राष्ट्रीयता पर सवाल कुछ लोगों की संकीर्ण मानसिकता को दशार्ता है।’ कांग्रेस प्रवक्ता अनिल सिंह ने भाजपा उम्मीदवार स्मृति ईरानी के शिक्षा रिकॉर्ड की जांच करने की मांग की, जिन्होंने पहले स्नातक होने का दावा किया था और अब अचानक 12 वीं पास हो गए हैं। इस बीच, इसी तरह की स्थिति बगल के रायबरेली सीट पर हुई थी।
कांग्रेस उम्मीदवार सोनिया गांधी के प्रतिनिधि और भाजपा उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह के वकील ने एक-दूसरे के खिलाफ आपत्ति जताई थी। कांग्रेस सांसद के प्रतिनिधि ने आपत्ति जताई कि भाजपा उम्मीदवार अभी भी कांग्रेस एमएलसी हैं, इसलिए वह विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दिए बिना नामांकन दाखिल नहीं कर सकते। इसी तरह भाजपा उम्मीदवार ने दावा किया कि सोनिया गांधी का मूल नाम एंटोनियो मिआनो है, जो उसने अपने नामांकन पत्र में नहीं लिखा था। लंबी चर्चा के बाद शनिवार देर रात में निर्वाचन अधिकारी नेहा शर्मा ने कांग्रेस और भाजपा उम्मीदवारों द्वारा एक दूसरे पर की गई सभी आपत्तियों को खारिज कर दिया। रायबरेली में कुल 34 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन दाखिल किया था लेकिन 19 पर्चे खारिज हो गए और अब 15 उम्मीदवार मैदान में रह गए हैं।