छोटे स्टेशनों से सफर करने वाले यात्रियों के लिए राहतभरी खबर है। अब उन्हें रेलनीर के अभाव में लोकल ब्रांड का पानी नहीं खरीदना पड़ेगा। वे ब्रांडेड और रेलवे एप्रूव पानी से प्यास बुझा पाएंगे। सीसीएम ने आदेश जारी कर रेलनीर के अलावा छह ब्रांड को बेचने की अनुमति दी है।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के सभी स्टेशनों के स्टाल, कैंटीन, फूड प्लाजा व जनआहार के संचालकों को केवल रेलनीर बेचने का आदेश है। दूसरे ब्रांड पर पूर्ण रूप से पाबंद लगा दिया गया है। इस आदेश का पालन नहीं करने पर जुर्माने की कार्रवाई का प्रावधान है। रेलवे व आइआरसीटीसी के अधिकारी नियमित इसकी जांच भी करते हैं। रेलनीर की सप्लाई आइआरसीटीसी को करना है। इसके लिए उन्होंने अलग से टेंडर भी किया है। इस व्यवस्था से जोन के प्रमुख स्टेशनों में आसानी से रेलनीर की सप्लाई हो जाती है। लेकिन अभी कई छोटे स्टेशनों में रेलनीर नहीं पहुंच पाता है। ऐसे में चोरी छिपे यात्रियों की सुविधा के लिए दूसरे ब्रांड का पानी रख भी लेते हैं तो हमेशा जुर्माने का डर रहता है। रेल प्रशासन की इस सख्ती की वजह से कहीं न कहीं यात्रियों को नुकसान हो रहा था। यह एक बड़ी समस्या थी। ऐसे में यात्रियों को राहत देने के लिए योजना बनाई जा रही है। इस पर अब जाकर फैसला हुआ है। जोनल मुख्यालय स्तर पर यह तय हुआ है कि जिन स्टेशनों में रेलनीर नहीं पहुंच पाता या फिर आइआरसीटीसी की लिस्टिंग में नहीं है। वहां छह ब्रांड के पानी बोतल बेचे जा सकते हैं। उन्हें निर्देश भी दिए गए हैं कि एप्रूव ब्रांड के अलावा दूसरे ब्रांड का पानी बिकता है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इन ब्रांड को किया गया है एप्रूव
– किल्ले
– एक्वाफिना
– आक्सीरिच
– बीबो
– बेसलरी
– बेली
घटिया ब्रांड पर लगेगी रोक
छह ब्रांड को एप्रूव करने के बाद छोटे स्टेशनों में घटिया ब्रांड के पानी की बिक्री पर रोक लगेगी। दरअसल लगातार यह शिकायत आ रही थी कि स्टीकर लगाकर किसी भी ब्रांड का पानी बेचा जा रहा है। कई बार तो साधारण नल से पानी भरकर बेच दिया जाता है। यात्री भी प्यास बुझाने के लिए मजबूरी में इसे खरीद लेते थे। पानी की उपलब्धता होने से उन्हें इस तरह की परेशानी नहीं होगी।
आइआरसीटीसी यहां करा रहा उपलब्ध
जानकारी के मुताबिक आइआरसीटीसी बिलासपुर, चांपा, कोरबा, रायगढ़, अनूपपुर, दुर्ग, भिलाई, रायपुर, राजनांदगांव, गोंदिया, तिल्दा व भाटापारा में रेलनीर उपलब्ध करा रहा है। जबकि जोन में छोटे व बड़े को मिलाकर 300 से अधिक स्टेशन हैं। हालांकि इनमें से कुछ स्टेशनों में स्टाल की सुविधा नहीं है।
जहां रेलनीर उपलब्ध नहीं हो रहा है। वहां के लिए छह ब्रांड को बेचने की अनुमति दी गई है। अब यात्रियों को असुविधा नहीं होगी। इसके अतिरिक्त दूसरा ब्रांड बिकता है तो कार्रवाई होगी।
रविश कुमार सिंह
सीपीआरओ, दपूमरे जोन