महबूबा मुफ्ती के बयान की शिवसेना ने कड़ी आलोचना की. शिवसेना प्रवक्ता मनीषा कायंदे ने कहा कि महबूबा मुफ्ती, फारूक और उमर अब्दुल्ला ये बताएं कि वो पाकिस्तान में पैदा हुए हैं या हिंदुस्तान में? हिंदुस्तान को मिटाने की बात करने वालों के खिलाफ सरकार सख्त कदम उठाए. ऐसे बयानों की कड़ी निंदा की जानी चाहिए. महबूबा मुफ्ती से जब बीजेपी ने गठबंधन करके सरकार बनाई थी तब भी शिवसेना ने बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए चेताया था. तब बीजेपी ने नहीं सुनी थी. आज वही लोग देश के खिलाफ बयान दे रहे हैं.
कायंदे ने आगे कहा, ‘मायावती को लेकर पीएम मोदी की बात से शिवसेना बिल्कुल सहमत है. जाति- धर्म के आधार पर वोट मांगना सरासर गलत है. मुस्लिमों पर पहले तुष्टिकारण कांग्रेस ने किया, समाजवादी पार्टी ने किया और अब मायावती करने की कोशिश कर रही हैं. महागठबंधन पर भी पीएम मोदी ने बिल्कुल सही बात कही है. महागठबंधन में शामिल लोगों को जनता से कोई लेना-देना नही है. सब अपने-अपने स्वार्थ से इसमें शामिल हुए हैं.’
जहां तक AFSPA की बात है तो अफ्सपा को हटाना मतलब सेना को फांसी पर ही चढ़ाना है. पीएम मोदी की भूमिका ही शिवसेना की भूमिका है. आर्टिकल 370 और 35A को हटाने की मांग शिवसेना पहले से ही करती रही है और इसे हटाया ही जाना चाहिए. हमारी सरकार की नीति का नतीजा है कि हम पाकिस्तान को अलग-थलग करने में कामयाब हुए हैं. अमेरिका जैसा देश हमारे साथ खड़ा है. चीन को भी झुकना पड़ा है.
पीएम मोदी का यह कहना कि कांग्रेस ने 60 सालों तक लोगों पर अन्याय किया, बिल्कुल सही है. इनसे जनता न्याय की क्या उम्मीद करे. पहले ये बताएं कि पैसे कहां से लाएंगे. बीजेपी और शिवसेना हमेशा साथ हैं. ममता की ये बातें बिल्कुल निराधार हैं. ममता बनर्जी पहले यह बताये की यह आकाशवाणी उन्हें कहां से हुई. इसमें कोई सच्चाई नही.पीएम मोदी और उद्धव ठाकरे साथ रैली कर रहे हैं. हमारे साथ होने का इससे अच्छा प्रमाण क्या हो सकता है.