वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि वर्तमान में भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था है और यदि यह रुख अगले दशक या आगे तक जारी रहती है तो गरीबों की संख्या न्यूनतम स्तर तक लायी जा सकेगी। जेटली ने उद्योग संगठन भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की वार्षिक बैठक को संबोधित करते हुए सोच में बदलाव की आवश्यकता बतायी और कहा कि बाजार आधारित सुधाारत्मक मॉडल अपनाने और अर्थव्यवस्था में होने वाली वृद्धि को गरीबी उन्मूलन के लिए उपयोग करने, इंफ्रास्ट्रक्चर को गति देने तथा समाज में आर्थिक रूप से कमजोर लोगोें को मदद करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हम इतिहास रचने के मुहाने पर खड़े हैं इसलिए एकता बनाए रखना महत्वपूर्ण है। भारत के सामाजिक आर्थिक स्वरूप में बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 तक मध्यम वर्ग सबसे बड़ा समूह होगा। आर्थिक वृद्धि में तेजी आने पर मध्यम वर्ग और नये मध्यम वर्ग के उभरने का अनुमान है। इस उभरते हुये वर्ग का आकार बड़ा होगा। तब विपरीत वैश्विक परिस्थितियों के बावजूद घरेलू उपभोग पर अर्थव्यवस्था में अधिक तेजी लायी जा सकती है। वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले चार वर्षों में सरकार ने मध्यम वर्ग के उपयोग के विभिन्न उत्पादों पर कर दर में कमी की है। इसके साथ ही बेहतर अनुपालन से कर संग्रह में वृद्धि हुयी है जिससे गरीबों के लिए बनायी गयी योजनाओं के लिए फंड मिला है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की जीवनशैली को बेहतर बनाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में बहुत कुछ करने की जरूरत है। इसमें राज्यों की महती भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि चुनाव सुधार में भारत में बहुत कुछ किया गया है। इस दिशा में राजनीतिक दलों के चंदे में पारदर्शिता लाने में चुनावी बॉन्ड की महत्वपूर्ण भूमिका है। जेटली ने सीआईआई के पूर्व अध्यक्ष जमशेद एन. गोदरेज को लाइफटाइम अचिवमेंट पुरस्कार से सम्मानित भी किया। इस अवसर पर सीआईआई के अध्यक्ष राकेश भारती मित्तल और संगठन के उपाध्यक्ष विक्रम किर्लोस्कर भी मौजूद थे।