कहा जाता है कि पूरे देश में 12 करोड़ साहू समाज के लोग हैं और देश की राजनीति में ये बड़ा वोट बैंक है। राजनीतिक पार्टियों की नजर हमेशा से ही सामाजिक वोटों पर रहती आई है यही कारण है कि सामाज की राजनीति में पार्टियां हमेशा अपना दखल रखने के लिए अपने लोगों को आगे करती रही हैं। ताजा मामला भाजपा का है जिसके सबसे वरिष्ठ नेताओं में गिने जाने वाले पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू को अखिल भारतीय तैलिक साहू महासभा के राजनीतिक प्रकोष्ठ का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। लोकसभा चुनाव के ठीक पहले इस तरह की नियुक्त को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर चल रहा है। बात भाजपा पर आकर टिक गई है कि इसकी भी एक वजह यह है कि छत्तीसगढ़ में इस समय कांगे्रस की सरकार है और पार्टी साहू समाज के वोटों को अपनी तरफ करने के लिए पहले ही एक ताम्रध्वज साहू को मंत्री बना चुकी है। राष्ट्रीय स्तर पर वो पिछड़ा वर्ग कांगे्रस के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। ऐसे में भाजपा की चिंता लगातार साहू समाज के वोटों को लेकर बड़ रही थी। पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू की सामाजिक प्रकोष्ठ में हुई नियुक्ती भाजपा की आस बन रही है, हालांकि पार्टी चंद्रशेखर साहू का उपयोग अब किस तरह से करेगी ये आने वाले समय में ही पता चलेगा, लेकिन साहू समाज के वोटों को अपनी तरफ करने के लिए समाज में ही बड़े पद पर आसीन होने वाला एक नेता तो भाजपा की झोली में आ ही गया। राजनीतिक नजर से देखा जाए तो प्रदेश में साहू समाज के लोग दो लोकसभा सीटों को सीधे तौर पर प्रभातिव करते हैं। दुर्ग और महासमुंद यहां साहू वोटरों की तादत ज्यादा है। खुद चंद्रशेखर साहू महासमुंद से सांसद रह चुके हैं।