रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी छह चुनावी सभा और दो रोड कर सकते हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी को राहुल की सभा और रोड शो का प्रस्ताव बनाकर भेजा है। प्रदेश कमेटी जांजगीर, कोरबा, सरगुजा, रायगढ़, कांकेर और महासमुंद लोकसभा क्षेत्र में सभा करना चाहती है, जबकि रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर व राजनांदगांव में से किसी दो लोकसभा सीट में रोड करने का प्रस्ताव दिया है।
पार्टी के नेताओं का कहना है कि दो-चार दिन में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी से कार्यक्रम जारी हो सकता है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने छत्तीसगढ़ के लिए 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है। प्रदेश में पहले चरण में 11 अप्रैल को एक सीट बस्तर में मतदान होना है।
पार्टी के नेताओं का कहना है कि राहुल की बस्तर में पहले ही 16 फरवरी को सभा चुकी है, इसलिए बस्तर में सभा का प्रस्ताव नहीं भेजा है। दूसरे चरण में कांकेर और महासमुंद में 18 अप्रैल को मतदान होना है। कांकेर और महासमुंद में राहुल की सभा का प्रस्ताव भेजा है। यह हो सकता है कि प्रथम चरण के मतदान के पहले बस्तर की सीमा से लगे कांकेर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत किसी गांव में राहुल की सभा हो जाए, ताकि दोनों सीटों पर सभा का प्रभाव हो सके।
तीसरे चरण में सात सीटों पर मतदान होना है, लेकिन पीसीसी ने कोरबा, रायगढ़, सरगुजा और जांजगीर सीटों में सभा का प्रस्ताव दिया है। दूसरे चरण की बची हुई एक सीट राजनांदगांव और तीसरे चरण की बची हुई तीन सीट रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग को सभा से बाहर रखा है। पीसीसी का मानना है कि रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग बड़े शहर हैं, जहां राहुल का रोड शो ज्यादा प्रभावी होगा।
रायपुर में तो अभी 15 मार्च को यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम पर चर्चा के लिए राहुल आए भी थे। राजनांदगांव में इसलिए रोड शो कराना चाह रही है, क्योंकि यह पूर्वतर्वी भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और उनके पुत्र सांसद अभिषेक सिंह के प्रभाव वाली सीट है। यहां राहुल की सभा कराकर राजनीतिक हवा को बदलने की कोशिश होगी।
सभा के लिए छह सीट क्यों?
सरगुजा- राज्य बनने के पहले यह सीट कांग्रेस के पास थी, लेकिन राज्य बनने के बाद 2004 से 2014 के बीच हुए तीनों लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को हर बार यहां हार का सामना करना पड़ा है।
रायगढ़- यह सीट भाजपा का गढ़ है, क्योंकि 1999 से लेकर लगातार 2004, 2009, 2014 तक चार लोकसभा चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस को हराया है। भाजपा के गढ़ को कांग्रेस ढहाना चाहती है।
जांजगीर- राज्य बनने के पहले यह सीट कांग्रेस के कब्जे वाली थी, लेकिन बनते ही इस सीट पर भाजपा का कब्जा हो गया। पिछले तीनों लोकसभा चुनाव से लगातार भाजपा ही यहां से जीत रही है।
कोरबा- परिसीमन के बाद यहां दो लोकसभा चुनाव हुए। 2009 में कांग्रेस और 2014 में भाजपा का यहां कब्जा हुआ। अब दोनों दल यहां तीसरा चुनाव जीतकर बढ़त बनाना चाहते हैं।
महासमुंद- राज्य बनने के बाद पहला लोकसभा चुनाव 2004 में कांग्रेस जीती थी, उसके बाद से लगातार दो चुनाव 2009 व 2014 में कांग्रेस हारी है। भाजपा से कांग्रेस यह सीट छीनना चाहती है।
कांकेर- यह भाजपा का अभेद किला है, क्योंकि पांच लोकसभा चुनाव 1998, 1999, 2004, 2009, 2014 में लगातार भाजपा ही जीतती रही है। कांग्रेस, भाजपा के किले को भेदना चाह रही है।
रोड शो के लिए चार शहर क्यों?
रायपुर- इस सीट से कांग्रेस लगातार छह चुनाव हार चुकी है। अभी इस लोकसभा क्षेत्र की आठ में से छह विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है।
बिलासपुर-इस सीट पर लगातार पांच चुनाव से भाजपा का कब्जा है। इस लोकसभा क्षेत्र की आठ में से केवल दो विधानसभा सीटों पर कांग्रेस है।
दुर्ग- लगातार पांच बार से चुनाव जीत रही भाजपा को पिछले चुनाव में कांग्रेस ने हराया। इसी लोकसभा क्षेत्र से सीएम भूपेश बघेल और तीन मंत्री हैं।
राजनांदगांव-पिछले दो चुनाव से भाजपा जीत रही। पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह राजनांदगांव विधानसभा सीट के विधायक है।