यूपी में गोंडा जिले के इटियाथोक शिक्षा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय भीखमपुरवा में तीसरा कक्षा में पढ़ने वाली नन्ही बिटिया अंशिका ने जब मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित इंडो वियतनाम के अंतर्राष्ट्रीय मंच पर एक सांस में यूपी के 75 जिलों के नाम सुनाए तो देश-दुनिया से आए विद्वान एकटक उसकी प्रतिभा को निहारते रह गए। नन्हीं अंशिका को जब इस अंतर्राष्ट्रीय मंच पर सम्मान प्रमाण पत्र मिला तो पूरा हाल कार्यों की गड़गड़ाहट से गुंजायमान हो उठा। मंच पर मौजूद हस्तियों ने यूपी की बेसिक शिक्षा की मुक्त कंठ से सराहना की।
अंशिका को किया गया सम्मानित
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में इंडो-वियतनाम के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन मे एशियाई देशों के सौ टाप रिकॉर्डधारियों को अंतर्राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया गया। इस सम्मान के लिए बेसिक शिक्षा विभाग के सरकारी स्कूल में तीसरी क्लास में पढ़ने वाली छात्रा अंशिका मिश्रा को भी आमंत्रित किया गया था। जिले के इटियाथोक शिक्षा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय भीखमपुरवा में पढ़ने वाली अंशिका इसके पहले छह मिनट 26 सेकंड में देश के छह सौ जिलों का नाम सुनकर इंडिया बुक आफ रिकार्ड में अपना नाम शामिल करा चुकी है।
हर कोई प्रतिभा का कायल
शुक्रवार को भोपाल मे आयोजित इंडो वियतनाम के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के मंच पर भी उसने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों व सौ रिकॉर्डधारी मेधावियों के बीच जब अंशिका एक्सप्रेस दौड़ी तो सम्मेलन में मौजूद हर कोई उसकी प्रतिभा का कायल हो गया। यूपी के बेसिक शिक्षा के इस स्वरूप को देखकर सभी ने इसे सराहा। कार्यक्रम में अंशिका को अंतर्राष्ट्रीय सम्मान प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया। इस दौरान मंच पर अंशिका के पिता व भीखमपुरवा प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक मनोज मिश्रा, प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष आनंद त्रिपाठी समेत वियतनाम, मलेशिया,नेपाल,बांग्लादेश व जकार्ता बोर्ड आफ रिकार्ड के चेयरमैन समेत अनेक विद्वान मौजूद रहे।
अंशिका के सम्मान पर बेसिक शिक्षा विभाग गदगद
प्राथमिक विद्यालय भीखमपुरवा की छात्रा अंशिका की सफलता पर जिले का पूरा बेसिक शिक्षा विभाग गदगद है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मनिराम सिंह व खंड शिक्षा अधिकारी इटियाथोक रामराज ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह सम्मान न सिर्फ बेसिक शिक्षा को गौरवान्वित करने वाला है बल्कि यह अन्य शिक्षकों के लिए प्रेरणा का काम करेगा। अंशिका के स्कूल शिक्षक जगत नारायण व मुनीश वर्मा ने इस उपलब्धि को गौरवशाली बताया है। अंशिका के बड़े पिता प्रमोद मिश्र ने इसे गौरवमयी पल बताया है।