लोकसभा चुनाव 2019 के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों ही राष्टीय दल कमर कस चुके हैं. दुर्ग लोकसभा जीतने के लिए दोनों ही दलों नें राष्ट्रीय मुद्दों के अलावा स्थानीय मुद्दों को भी शामिल कर एक दूसरे की घेराबंदी करने की कोशिश आरंभ कर दी है. दुर्ग जिले के अंदर जिस तरह से एक वर्ष के भीतर डेंगू और स्वाइन फ्लू से हुई मौतें भी इस चुनाव में अपनी अहम भूमिका रखने वाली हैं.
दुर्ग जिले में विधानसभा चुनाव के पूर्व विपक्ष में रही कांग्रेस ने दुर्ग जिले में फैली गंभीर बीमारियों को लेकर सत्तापक्ष को जमकर घेरा था. अब लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा हो चुकी है और पूरी राजनैतिक परिवर्तन हो चुका है. ऐसे में भाजपा अब इस चुनाव में राष्टीय मुद्दों के अलावा स्थानीय मुद्दों में शामिल बीमारियों से होने वाली मौतों को लेकर कांग्रेस को घेरने जा रही है.
भाजपा की टिकट से वैशाली नगर सीट से विधायक विद्यारतन भसीन का कहना है कि अब कांग्रेस को जवाब देना होगा. क्योंकि नई सरकार बनने के बाद इलाके में कई समस्याएं सामने आई हैं. आम जनता सब समझ रही है. लिहाजा इस लोकसभा चुनाव में आम मतदाता भाजपा को विजयी बनाएंगे. दुर्ग जिले में डेंगू, स्वाइन फ्लू और डायरिया जैसी गंभीर बीमारियों से लोग हलाकान हैं.
दुर्ग जिले में डेंगू से जहां 45 से अधिक मौतें हो चुकी हैं तो वहीं स्वाइन फ्लू से इसी वर्ष 4 मौत हो चुकी है. यदि पिछले तीन वर्ष के आंकड़ों पा गौर करें तो सिर्फ दुर्ग में ही तीन वर्ष के भीतर डायरिया से करीब 30 मौतें हुई हैं. लिहाजा बीमारियां चुनाव में अपनी अहम भूमिका अदा कर रही हैं. इधर कांग्रेस के सुर अब बदल गए हैं. इस मामले में कांग्रेस नेता राजेश शर्मा का का कहना है कि इन बीमारियों के लिए भाजपा ही जिम्मेदार है.