कुछ सवाल ऐसे होते जिनका जवाब देना काफी मुश्किल होता है। कितनी भी तरकीबें आजमा लें निष्कर्ष पर आना कठिन है। ऐसा ही एक सवाल है कि अंडा शाकाहारी है या मांसाहारी? हालांकि इस विषय पर काफी रिसर्च हुए हैं लेकिन लोगों में फिर भी असमंजस बना हुआ है। आपको इस असमंजस से निकालने के लिए हम बताएंगे कि अंडा किस श्रेणी में आता है।
जो लोग ये मानते हैं कि अंडे में से चूजा निकलता है तो उनके लिए सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि मुर्गी अंडा देती कैसे है। आपको बता दें, मुर्गी जब 6 महीने की हो जाती है तो हर एक-डेढ़ दिन पर अंडा देने लगती है, लेकिन अंडा देने के लिए यह जरूरी नहीं है कि वह किसी मुर्गे के संपर्क में आई हो।
मुर्गे के बिना संपर्क में आए मुर्गी द्वारा दिए गये अंडों को अनफर्टिलाइज्ड एग कहते हैं। वैज्ञानिकों का दावा है कि इनमें से कभी चूजे नहीं निकल सकते। तो इसलिए अगर आप अंडों को अगर मांसाहारी समझते हैं तो आप गलत हैं, क्योंकि अंडा शाकाहारी है।
ऐसा अंडा जिसे मुर्गी मुर्गे के संपर्क में आने के बाद देती है, उसे हम मांसाहारी कह सकते हैं। इन अंडों में गैमीट सेल्स मौजूद होता है, जो उन्हें मांसाहारी बना देता है। दरअसल वैज्ञानिकों ने यह भी रिसर्च कर बताया कि अंडे के 3 हिस्से होते हैं पहला छिलका, दूसरा उसकी सफेदी और तीसरा अंडे की जरदी या पीला वाला भाग। अंडे की सफेदी या एग वाइट पानी में मौजूद प्रोटीन का हिस्सा है। इसमें जानवर को कोई हिस्सा नहीं इसमें सिर्फ प्रोटिन होता है। यहीं कारण है कि एग वाइट शाकाहारी है।
बाजार में मौजूद बहुत सारे प्रॉडक्ट जिसमें एग वाइट का इस्तेमाल होता है, तकनीकी रूप से अगर देखे तो वे सभी शाकाहारी होते हैं। वहीं एग योक या अंडे की जर्दी में भी प्रोटिन औप उसके साथ कोलेस्ट्रोल और फैट मौजूद होता है। लेकिन मुर्गी और मुर्गे के संपर्क में आने के बाद दिए गये अंडे की जर्दी में गैमीट सेल्स मौजूद होता है, जो उसे मांसाहारी बना देता है।