वॉशिंगटन: अमेरिका में एक भारतीय नागरिक ने अवैध प्रवासियों के तौर पर भारतीयों की तस्करी किए जाने का आरोप स्वीकार कर लिया है. गुरुवार को न्यू जर्सी की एक अदालत के समक्ष जुर्म कबूल करते हुए 38 वर्षीय भाविन पटेल ने कहा कि उसने अपने आर्थिक लाभ के लिए ऐसा किया. उसे अधिकतम 10 साल जेल की कैद और 250,000 अमेरिकी डॉलर तक का जुर्माना हो सकता है. सजा की घोषणा 9 जुलाई को की जाएगी. इस मामले में दाखिल दस्तावेजों और अदालत में दिए गए बयानों के अनुसार, घरेलू सुरक्षा जांच विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी इन्वेस्टिगेशन) के एजेंटों को जानकारी मिली कि पटेल एक तस्करी अभियान चला रहा है, जिसके तहत भारत से विदेशी नागरिकों को अमेरिका लाने का प्रयास किया जा रहा है.
जांच से पता चला कि तस्करी करने वाले संगठन ने भारतीय नागरिकों और अन्य लोगों को अमेरिका लाने के बदले भारी भरकम राशि ली थी. अक्टूबर 2013 से जाल बिछाया गया और एक जांच अधिकारी ने तस्कर बन कर बैंकाक में पटेल से मुलाकात की. पटेल ने इस अधिकारी से कहा कि वह कुछ भारतीय नागरिकों को तस्करी कर अमेरिका लाना चाहता है. न्याय विभाग ने बताया कि तीन अलग अलग बार पटेल ने या उसके साथी ने भारतीय नागरिकों को थाईलैंड के एक हवाईअड्डे तक पहुंचाया.
वहां से जांच अधिकारी को अपने संपर्कों का इस्तेमाल कर इन नागरिकों को वाणिज्यिक एयरलाइन की उड़ानों से अमेरिका लाना था. पटेल इसके लिए भुगतान करने को तैयार हो गया. हर व्यक्ति के लिए हजारों डॉलर की राशि तय हुई. अगले कुछ माह में पटेल ने छह भारतीयों को थाईलैंड लाने और वहां से तस्करी के जरिये नेवार्क लिबर्टी इंटरनेशनल एयरपोर्ट होते हुए अमेरिका लाने की व्यवस्था की. इसी क्रम में वह सात दिसंबर 2018 को नेवार्क लिबर्टी पहुंचा और वहां उसे गिरफ्तार कर लिया गया.