बिलासपुर। करोड़ों के नागरिक आपूर्ति निगम (नान) घोटाला मामले में गुरुवार को राज्य शासन के एसआईटी गठन के खिलाफ नेता प्रतिपक्ष की याचिका को खारिज करने की मांग कांग्रेस नेता व अधिवक्ता पी. चिदंबरम ने हाई कोर्ट से की। इसके लिए तर्क दिया गया कि नेता प्रतिपक्ष मामले से प्रभावित नहीं हो रहे हैं।
इस पर याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा कि किसी मामले में अन्याय होने पर नेताप्रतिपक्ष जनहित याचिका दाखिल कर सकते हैं। चिदंबरम ने लोकसभा चुनाव में व्यस्त होने के कारण जवाब के लिए कोर्ट से समय देने की मांग की।
इस पर कोर्ट ने मामले को चुनाव के बाद 29 अप्रैल को सुनवाई रखने का आदेश दिया है। नेताप्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक की ओर से पेश याचिका में कहा गया कि जिस आईएएस अधिकारी के आवेदन पर सरकार मामले की पुन: जांच कर रही है।
उसके खिलाफ एसीबी ने अपराध दर्ज कर न्यायालय में चालान पेश किया है। बुधवार को मामले की चीफ जस्टिस अजय कुमार त्रिपाठी व जस्टिस पीपी साहू की डबल बेंच में सुनवाई हुई।
पी. चिदंबरम ने कहा कि मामले में कौशिक का हित किसी भी तरह से जुड़ा नहीं है। इस कारण से मामला जनहित का नहीं है। इस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने न्यायदृष्टांत प्रस्तुत कर रहा कि यदि कहीं अन्याय हो रहा हो व इससे कानून प्रभावित होगा तो नेताप्रतिपक्ष याचिका प्रस्तुत कर सकते हैं।