चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि मैं यह दोहरा सकता हूं कि चीन एक जिम्मेदार रवैया अपनाएगा और UNSC 1267 समिति में विचार-विमर्श में भाग लेगा। बताते चलें कि चीन के पास वीटो पावर है और वह पहले भी तीन बार मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में लाए गए प्रस्ताव पर हर बार अडंगा लगा चुका है।
चीन का कहना है कि समाधान सभी पक्षों को स्वीकार्य होना चाहिए। जब लियू से यह स्पष्ट करने के लिए कहा गया कि क्या इस मुद्दे को 13 मार्च को चर्चा के लिए सूचीबद्ध किया गया है और चीन संबंधित सभी पक्षों के साथ बातचीत कर रहा है। उन्होंने कहा, “पहले मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मुझे यूएनएससी समिति और अन्य संयुक्त राष्ट्र के सहायक निकाय के बारे में समय सीमा के बारे में कुछ भी याद नहीं है।
मसूद अजहर को सूचीबद्ध करने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि मैं यह कहना चाहता हूं कि चीन हमेशा एक जिम्मेदार रवैया अपनाता है। वह विभिन्न पक्षों के साथ बातचीत में शामिल होता है और मुद्दे को सही तरीके से हल करता है। उन्होंने कहा कि मैं यह कहना चाहता हूं कि संबंधित निकायों के नियमों और प्रक्रियाओं का पालन करना चाहिए। इस मामले को हल करने के लिए केवल वही समाधान अनुकूल हैं, जो सभी पक्षों के लिए स्वीकार्य हैं।
बताते चलें कि 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले में आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी, जिसका संस्थापक और नेता अजहर मसूद है। इस घटना के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। दुनिया के सभी प्रमुख देश भारत के साथ खड़े हैं और मसूद अजहर के खिलाफ प्रतिबंध लगाने के पक्ष में हैं।