देश में प्रियंका गांधी को किसी परिचय की जरूरत नहीं. हाल ही में प्रियंका का नाम न्यूज में तब छा गया जब उन्हें कांग्रेस पार्टी का महासचिव बनाया गया. साथ ही लोकसभा चुनावों के लिए प्रियंका को पूर्वी उत्तर प्रदेश की कमान सौंप दी गई.
12 जनवरी 1972 को जन्मी प्रियंका कि दिलचस्पी हिन्दी साहित्य में है जिसका श्रेय वो अमिताभ बच्चन की मां तेजी बच्चन को देती हैं. अपनी अच्छी हिन्दी का श्रेय भी प्रियंका तेजी बच्चन को ही देती हैं.
प्रियंका ने अपनी स्कूल की पढ़ाई दिल्ली के मॉर्डन स्कूल कॉन्वेंट ऑफ जीजस एंड मैरी से की है.
दादी इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राहुल और प्रियंका ने अपनी पढ़ाई घर से ही जारी रखी. इसके बाद उनकी सामाजिक जिंदगी बहुत सिमट गई. उन्हें 24 घंटे सुरक्षाकर्मियों के साये में रहना पड़ता था.
प्रियंका गांधी की तुलना लोग अकसर उनकी दादी इंदिरा गांधी से करते हैं. 1984 में जब दादी की हत्या हुई तो प्रियंका 12 साल की थीं. कई बार प्रियंका ने ये कहा है कि वो अपनी दादी से काफी प्रभावित रहीं हैं.
बहुत कम लोगों को पता है कि प्रियंका गांधी ने अपना पहला सार्वजनिक भाषण 16 साल की उम्र में दिया था.
1991 में पिता राजीव गांधी को खोने वाले अपने परिवार के लिए प्रियंका एक मजबूत सहारा हैं. उन्होंने हर कदम पर अपनी मां सोनिया और भाई राहुल का साथ दिया है.
प्रियंका जब रॉबर्ट वाड्रा से मिलीं तो उनकी उम्र महज 13 साल थी. ये दोस्ती जब प्यार में बदली तो शादी से घरवालों को ऐतराज था, पर प्रियंंका अपनी दादी की तरह अपने प्यार के लिए अड़ गईं. और 18 फरवरी 1997 को दोनों की शादी हो गई.
कांग्रेस पार्टी के अंदर पिछले कई सालों से प्रियंका गांधी को राजनीति में आने की मांग चल रही थी. पर प्रियंका ने हमेशा इनकार ही किया.
अब आने वाले लोकसभा चुनावों में प्रियंका पर सबकी नजर हैं कि वो लोगों का भरोसा कांग्रेस पार्टी पर वापस लौटा पाती हैं कि नहीं.