मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि प्रदेश में घटिया निर्माण करने वाली निर्माण एजेंसियों के विरुद्ध कड़े दण्ड प्रावधान किए जाएंगे। उन्होंने निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए मुख्य सचिव श्री सुनील कुजूर को सभी संबंधित विभागों और विषय विशेषज्ञों से चर्चा कर आगामी 15 दिनों में कार्ययोजना का प्रारुप प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य के सीमित और बहुमूल्य संसाधनों का पूर्ण सदुपयोग किया जाना काफी आवश्यक है, जिससे आम जनता को इनका अधिकतम लाभ पहुंचाया जा सके। किसी भी दशा में स्तरहीन निर्माण कार्य किए जाने पर अंकुश लगाया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा है कि विगत वर्षों में सड़क, भवन, बांध, एनीकट इत्यादि जैसे विभिन्न निर्माण कार्यों में हजारों करोड़ रुपए व्यय किए जा चुके हैं, किन्तु निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए किसी स्पष्ट नीति के अभाव में अनेक स्थानों में गुणवत्ताविहीन निर्माण किए जाने की घटनाएं सामने आयी हैं। स्तरहीन निर्माण कार्यों से राज्य को बड़ी क्षति उठानी पड़ती है तथा आम जनता के बीच अविश्वास की भावना उत्पन्न होती है। निर्माण कार्य के गुणवत्ता परीक्षण के लिए ‘स्वतंत्र एजेंसियों’ की सहायता भी ली जा सकती है। राज्य के शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालयों, निजी क्षेत्र के प्रतिष्ठित महाविद्यालयों और पॉलीटेक्निक महाविद्यालयों के अनुभवी प्राध्यापकों की सेवाएं ली जा सकती है।