कर्नाटक के राज्यपाल आवास यानी राजभवन में बिल्लियों का प्रकोप काफी बढ़ गया है। इन बिल्लियों की वजह से जहां एक ओर राजभवन के कर्मचारियों की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं, वहीं खुद राज्यपाल वजुभाई वाला और उनका परिवार भी काफी परेशान हैं। यही वजह है कि बिल्लियों से निपटने के लिए अब बेंगलुरू महानगर पालिका ने एक प्राइवेट एजेंसी को बिल्ली पकड़ने का ठेका दिया है। जानकारी के मुताबिक, राजभवन के करीब 30 बिल्लियां हैं, जिन्हें पकड़ने के लिए प्राइवेट एजेंसी को करीब 1 लाख का भुगतान किया गया है।
बिल्लियों से परेशान हुए कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला
जानकारी के मुताबिक, दिसंबर 2018 में ही राजभवन की ओर से बेंगलुरु महानगर पालिका के अधिकारियों को बिल्लियों की समस्या की जानकारी दी गई थी और इससे तुरंत निजात दिलाने के आदेश भी दिए गए थे। हालांकि काफी कोशिशों के बाद भी बेंगलुरू महानगर पालिका इसमें पूरी तरह से सफल नहीं हो सका। आखिरकार महानगर पालिका के अधिकारियों ने अब बिल्लियों से निजात के लिए प्राइवेट एजेंसी को जिम्मेदारी सौंपी है।
बिल्लियों को पकड़ने के लिए प्राइवेट कंपनी को दिया कॉन्ट्रेक्ट
राजभवन की ओर से बिल्लियों की समस्या बताए जाने के करीब 3 महीने बाद बेंगलुरू महानगर पालिका ने प्राइवेट एजेंसी को बिल्ली पकड़ने का ठेका दिया है। बेंगलुरू महानगर पालिका के पशुपालन विभाग की ओर से बताया गया कि हमने कभी बिल्ली नहीं पकड़ा है, सिर्फ कुत्ते और सुअर पकड़ने का ही अनुभव है। जब कोई विकल्प नहीं बचा तो विभाग ने प्राइवेट एजेंसी को ये काम सौंपने का फैसला लिया। इसके लिए इसके लिए विभाग की ओर से टेंडर मंगाए गए और फिर एक प्राइवेट एजेंसी को 98 हजार रुपये में यह कॉन्ट्रैक्ट दिया गया।
बेंगलुरू महानगर पालिका ने उठाया कदम
बेंगलुरू महानगर पालिका के कमिश्नर एन मंजुनाथ प्रसाद ने कहा, “अगर कीमत ज्यादा लगी तो हम डील को खत्म कर फिर से टेंडर मंगाएंगे।” राजभवन सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल का परिवार जब परिसर में कुत्तों के साथ घूमता है तो ये बिल्लियां अकसर सामने आ जाती हैं। सूत्र ने बताया, “बिल्लियों को देखकर कुत्ते भड़क जाते हैं और फिर उन्हें कंट्रोल कर पाना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा किसी वीआईपी के आने पर भी बिल्लियां परेशानी का कारण बनती हैं।”