इंदौर
लोधा कॉलोनी में सोमवार शाम एक युवक के घर में घुसकर बदमाश मारपीट करने लगे। बेटे को पिटता देख मां बीचबचाव करने आई। बदमाशों ने उसका मुंह दबाया और दीवार पर धकेल दिया। इससे वह बेहोश होकर गिर गई। बदमाशों के जाने के बाद युवक और परिजन महिला को लेकर चोइथराम अस्पताल गए। जहां से एमवाय अस्पताल रेफर कर दिया गया। मंगलवार देर रात उसकी मौत हो गई। महिला के परिजन बदमाशों पर हत्या करने का आरोप लगा रहे हैं। महिला के बेटे और आरोपित पक्षों में कई दिनों से विवाद चल रहा है।
छत्रीपुरा पुलिस के मुताबिक, मृतक सुंदरबाई (48) पति लखन कौतुल निवासी लोधा कॉलोनी है। बेटे प्रताप ने बताया कि पिता फल का व्यवसाय करते हैं। प्रताप के मुताबिक, सोमवार सुबह चाचा गुलजारी के बेटे रोहित और रंजीत का रवि, साहिल, गौतम, तेजा और रोहन से विवाद हो गया था। मोहल्ले वालों के बीचबचाव और समझाइश के बाद मामला शांत हो गया था। उसी दिन शाम करीब 4 बजे साहिल दोबारा अपने साथ जितेंद्र उर्फ बाबू, रंजीत, नरेंद्र को लेकर घर में घुस गया।
आरोपित उसके साथ मारपीट करने लगे। बीचबचाव करने मां (सुंदरबाई) आई तो एक आरोपित ने उनका मुंह दबाकर दीवार की तरफ धकेल दिया। इससे वह बेहोश होकर गिर गई। शोर और मारपीट की घटना की जानकारी लगते ही पड़ोसी आ गए। इस पर आरोपित वहां से भाग गए। परिजन बेसुध हालत में मां को लेकर यूनिक अस्पताल गए। प्राथमिक इलाज के बाद चोइथराम ले गए। वहां से मंगलवार शाम एमवायएच रेफर कर दिया था, जहां डॉक्टरों ने मां को मृत घोषित कर दिया। बुधवार को पीएम कराया गया।
भाई की शादी में नाचने के दौरान हुई थी विवाद की शुरुआत
प्रताप ने बताया कि चाचा के लड़के रंजीत की कुछ दिन पहले महू में शादी हुई है। आरोपित साहिल, तेजा और गौतम भी बरात में गए थे। नाचने के दौरान धक्का लगने की बात पर विवाद हो गया था। इस दौरान भी आरोपित साहिल सहित अन्य युवकों ने चाकू और तलवार निकाल लिए थे। बाद में मामला शांत हो गया था। सोमवार को चाचा का छोटा बेटा रोहित महू नाके पर महाशिवरात्रि का प्रसाद बना रहा था। इस दौरान भी आरोपित वहां नशे में आ गए थे। मामूली कहासुनी में आरोपितों ने रोहित को तलवार मार दी थी। इसकी शिकायत थाने पर की गई थी। इसी का बदला लेने के लिए पहले साहिल आया था। बाद में अन्य लोगों के ले आया।
महू नाका पर आरोपितों का अहाता, थाने पर जाती है बंदी
रोहित और प्रताप का आरोप है कि आरोपित जितेंद्र और रंजीत अहाता चलाते हैं। थाने पर वे बंदी पहुंचाते हैं। इस वजह से तलवार मारने की शिकायत के बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। आरोपितों को समय पर पकड़ लेते तो घर में मारपीट करने नहीं आते।