रायपुर। निसंतान महिला ने जिसे दत्तक पुत्र बनाकर पाला-पोसा उसी ने संपत्ति के लालच में आकर उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी। मामले का खुलासा तब हुआ जब कलयुगी दत्तक पुत्र ने रिश्तेदारों को बिना बताए मृत महिला के शव को पंडित जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल मेडिकल कॉलेज को दान कर दिया। परिजनों की शिकायत के बाद पुलिस ने महिला के शव का डाक्टरों की पैनल टीम से पोस्टमार्टम कराया, तब हत्या का खुलासा हुआ। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि रायपुर पुरानी बस्ती के प्रोफेसर कॉलोनी सेक्टर दो परशुरामनगर निवासी हेमप्रभा बोस (68) आयकर विभाग से रिटायर्ड हुई थीं। उन्होंने डेढ़ साल की उम्र से ही आरोपित सुदीप बोस पुत्र अविंद विश्वास (वर्तमान में 23 वर्ष) को दत्तक पुत्र बनाकर घर में रख लिया।
हेमप्रभा नौकरी से रिटायर्ड होने के बाद अक्सर बीमार रहने लगी थीं। सुदीप कोई काम-धाम न कर आवारागर्दी करता था। दत्तक पुत्र की हरकतों को लेकर हेमप्रभा अक्सर टोका-टाकी करती थीं, यह सुदीप को नागवार गुजरता था। वह हमेशा बुजुर्ग मां के साथ मारपीट भी करता था।
25 फरवरी रात 10 बजे उसने गुस्से में आकर हेमप्रभा बोस की गला घोंटकर हत्या कर दी। हत्या की बात को छुपाने और सामान्य मौत बताकर सुदीप हेमप्रभा की लाश को रामकृष्ण केयर अस्पताल ले गया। जहां डाक्टरों ने उसे जांच उपरांत मृत घोषित कर दिया।
चूंकि मृतका ने पहले से ही अपनी मौत के बाद शव को मेडिकल कॉलेज को दान देने की इच्छा जताते हुए इसकी पूरी प्रक्रिया कर ली थी, लिहाजा सुदीप ने बिना रिश्तेदारों को बताए हेमप्रभा के शव को दूसरे दिन मेडिकल कॉलेज को दान कर दिया।
संदेह होने पर रिश्तेदारों ने की थी शिकायत
कांकेर जिले के माकड़ी निवासी जगदीश चंद्र बोस (58) को जब बहन हेमप्रभा बोस की मौत हो जाने और शव को सुदीप द्वारा मेडिकल कॉलेज को दान करने की जानकारी मिली तो उन्होंने संदेह जताते हुए पुलिस अफसरों से इसकी शिकायत की।
अफसरों के निर्देश पर शव का पोस्टमार्टम आंबेडकर अस्पताल के डाक्टरों की पैनल टीम ने की, जिसमें गला दबाकर हत्या करने की पुष्टि हुई। पुलिस ने सुदीप बोस को गिरफ्तार कर उससे कड़ाई से पूछताछ की तो उसने संपत्ति के लालच में हत्या करना स्वीकार कर लिया। पुलिस ने मामले में धारा 302, 201 के तहत अपराध कायम कर लिया है।