राज्य में जिला स्तर पर सभी हिन्दू संगठनों का डाटा मंगाने पर छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार घिरती नजर आ रही है। प्रदेश भाजपा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता पर हमला बोलते हुए इस घटना के पीछे उनका हाथ होने की बात कही है। साथ ही राज्य सरकार के आधिकारिक फैसलों में मुख्ययमंत्री के परिवार के हस्तक्षेप का आरोप लगाते हुए, पूरे मामले की एसआईटी जांच करने की मांग की है। ऐसा नहीं होने पर प्रदेशभर में सरकार के खिलाफ आंदोलन करने की चेतावनी दी है। छत्तीसगढ़ भाजपा ने रविवार को सोशल मीडिया ट्वीटर पर ट्वीट करते हुए लिखा है, “इस पत्र को देखें भूपेश बघेल जी। अगर शासन के अधिकृत आदेश के बिना हिंदू संगठनों की जानकारी इकट्ठा की जा रही थी, तब तो और गम्भीर मामला है। जिलों में एसपी ने सीएम के पिता के मौखिक आदेश पर तो यह कारवाई नहीं की थी? भाजपा इस मामले पर एसआइटी जांच की मांग करती है।” दूसरे ट्वीट में लिखा है, “यह सवाल इसलिए है क्योंकि सीएम के रिश्तेदारों का दख़ल बढ़ने सम्बंधी ख़बरें मीडिया में आयी हैं और सीनियर बघेल लगातार हिंदू विरोधी कृत्य में सक्रिय रहते हैं। क्या इस पर एसआईटी गठन करेंगे सर?” राज्य की कांग्रेस सरकार द्वारा 15 फरवरी को प्रदेशभर के सभी जिलों के एसपी को दिए गए निर्देश में उनके जिलों में सभी हिन्दूवादी संगठनों के नाम, जिला अध्यक्षों के नाम, राजनीतिक पार्टी से संबंद्धता की जानकारी, समाज में उसका प्रभाव तथा संगठन का उद्देश्य और संगठन की सभी तरह की गतिविधियों की जानकारी मांगी गई है। इस घटना के बाद से ही भाजपा लगातार कांग्रेस सरकार के खिलाफ हमलावर हो रही है।
राज्य सरकार द्वारा हिंदू संगठनों का डाटा मंगाए जाने की बात पर बीजेपी ने ट्वीटर पर मोर्चा खोलते हुए लिखा है कि राज्य सरकार का यह कदम घोर असंवैधानिक और सांप्रदायिक कदम है। भाजपा ने ट्वीट कर पूछा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हिंदू संगठनों का डाटा आखिर क्यों इकठ्ठा कर रहे हैं। भाजपा ने सीएम से पूछा है कि डाटा क्या नक्सलियों/इस्लामी आतंकियों को बेचना चाहते हैं या सीधे पाकिस्तान को? या मतांतरण वाले समूहों के लिए ऐसा किया जा रहा है।
हालांकि एक दिन पहले ही इसका खुलासा हुआ। जिसके बाद सरकार ने यू टर्न लेते हुए ऐसे किसी आदेश से इंकार कर दिया है। जिसके बाद प्रदेश भाजपा ने आरोप लगाते हुए कांग्रेस सरकार से पूछा है कि अगर मुख्यमंत्री के आदेश से यह जारी नहीं किया गया है तो क्या मुख्यमंत्री के पिता के मौखिक आदेश पर यह किया जा रहा है। भाजपा ने एक दिन पहले इस घटना के खुलासा होने पर सरकार द्वारा हिन्दू संगठनों पर चुनाव से पहले लगाम लगाने की बात कही थी।
भाजपा ने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार हिन्दू संगठनों की जानकारी इसलिए मंगा रही है ताकि लोकसभा चुनाव से पहले संगठनों पर कार्रवाई कर उन्हें अपने पक्ष में किया जा सके या भाजपा के खिलाफ उनका इस्तेमाल किया जा सके। वहीं दूसरी तरफ, रायपुर भाजपा प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने इस मामले में कहा कि बार-बार चेतावनी देने के बावजूद प्रदेश सरकार हिंदू विरोधी आदेश को वापस लेने की कोई पहल नहीं कर रही है। वह अब भी हिंदू संगठनों के आंकड़ा इकट्ठा करने का आपराधिक कृत्य करने पर अड़ी है। ऐसे में पार्टी के पास जबरदस्त आंदोलन छेड़ने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।