छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में आईएचएसडीपी (इंटीग्रेटेड हाउसिंग एंड स्लम डेवलपमेंट प्रोग्राम) यानी झुग्गी मुक्त मलिन बस्ती विकास योजना के तहत बने 174 मकानों के अलॉटमेंट को लेकर मामला फिर से लटक गया है. फरवरी के अंतिम सप्ताह में सुनवाई की तारीख तय की गई थी, जिसकी सुनवाई न्यायालय में टल जाने के कारण एक बार यह योजना खटाई में पड़ गई है.
दरअसल, केंद्र सरकार द्वारा झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोगों के व्यवस्थापन को लेकर आईएचएसडीपी योजना के तहत वर्ष 2007 से नगर पालिका द्वारा 174 मकानों का निर्माण किया गया था. वहीं मकान निर्माण होने के बाद करीब 116 मकानों के आवंटन पूरा होने के बाद इस पर आपत्ति दर्ज करा दी गई. इस चलते मामला न्यायालय में लंबित होने से आज तक इन मकानों का आवंटन नहीं किया जा सका. मकानों की स्थिति अब जर्जर होने लगी है. मामले की जानकारी बालोद नगर पालिका के मुख्य अधिकारी रोहित साहू ने दी है.
शासन द्वारा बनाए गए गरीबों के निवास को लेकर मकान निर्माण कार्य पिछले 12 वर्षों से लंबित है, जिसे लेकर स्थानीय प्रशासन द्वारा किसी प्रकार की गंभीरता नहीं दिखाने के चलते मकान गरीबों को मिलने से पहले ही जर्जर होने लगे हैं. यही वजह है कि शासन की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ गरीबों को नहीं मिल पा रही है.