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रक्षा विशेषज्ञों ने माना मिग-21 बाइसन नहीं है पुराना

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भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान के शौर्य ने मिग-21 बाइसन के बारे में विशेषज्ञों की राय बदल कर रख दी। कहां तो लोग मिग- 21को ‘फ्लाइंग कॉफिन’ कहा जाता था। अब विशेषज्ञों का कहना है कि आईएएफ का विमान भले ही पुराना था, लेकिन इसका नया संस्करण बाइसन निस्संदेह पुराना नहीं है।

पाकिस्तान वायुसेना व भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों के बीच लड़ाई हुई, जिसमें यह उभरकर आया कि विंग कमांडर अभिनंदन ने अपने मिग-21 से घुसपैठ करने वाले विमान को गिराने में कामयाब रहे।  हालांकि, पाकिस्तान ने हमले में एफ-16 विमान के शामिल होने से इनकार कर दिया, लेकिन भारत ने इसके साक्ष्य होने की बात कही।

बहुत खास है हमारा मिग-21 बाइसन:

मिग-21 व एफ-16 अलग-अलग पीढ़ियों के हैं। पीएएफ ने अमेरिका निर्मित लड़ाकू विमान एफ-16सी/डी के नये संस्करण को उड़ाया था, जबकि मिग-21 बाइसन, 60 साल से सेवा दे रहे एक विमान का उन्नत अवतार है। विशेषज्ञों का कहना है कि एफ-16 लक्ष्य साधने के लिहाज से बहुत ही बेहतर है, लेकिन मिग-21 की अपनी खासियत है।

सिर्फ 2 मिनट में टेक ऑफ:

विशेषज्ञों का कहना है कि मिग-21 साफ तौर पर भारतीय वायुसेना की पसंद है, ऐसा इसलिए क्योंकि इसके गश्त के लिए तत्परता की वजह से किसी भी आपात स्थिति में हर समय इस्तेमाल किया जा सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार,  इस भूमिका के लिए मिग-21 सबसे तरजीही विमान है, क्योंकि वे अन्य दूसरे सभी लड़ाकू विमानों की तुलना में हवाई यात्रा करने के लिए सबसे कम समय लेते हैं।  मिग-21 केवल दो मिनट में लॉन्च किया जा सकता है।

क्या-क्या रहता है साथ:

मिग-21 बाइसन किसी अन्य आधुनिक लड़ाकू विमान की तरह हथियारों की एक रेंज को ले जा सकता है और इसमें काफी अच्छी सुविधाएं हैं। इसमें आर 073  मिसाइल है, जिसकी रेंज 20-25 किमी है और विजुअल रेंज की मिसाइल से परे फायर कर सकता है। इसमें रडार, जैमर्स व प्रतिरोधी उपाय के तौर डिस्पेंसिंग सिस्टम चफ व फ्लेयर्स शामिल हैं। इन्हीं के दम पर पिछले छह दशकों से ये विमान भारतीय वायु योध्दाओं की पहली पसंद बना हुआ है।

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