केन्द्र की किसान सम्मान निधी को लेकर छत्तीसगढ़ में जमकर राजनीति हो रही है. प्रदेश सरकार यहां के किसानों की सूची ही केन्द्र को नहीं भेजी जिससे प्रदेश के लाखों किसान इस योजना से वंचित हो गये हैं. बीजेपी जहां इसे किसानों के साथ छलावा बता रही है तो वहीं कांग्रेस अपनी योजनाओं को बेहतर बताते हुए जानबूझकर कांग्रेस शासित प्रदेश में इसका फायदा नहीं पहुंचाने का आरोप लगा रही है.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की पहली किस्त जारी की जा चुकी है. लेकिन राज्य सरकार द्वारा किसानों की सूची नहीं भेजे जाने की वजह से प्रदेश के किसान इस पहली किस्त से चूक गए हैं. किसान सम्मान निधि योजना लागू करने से पहले केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने राज्य सरकार से ऐसे किसानों की सूची मांगी थी जिनके पास 5 हेक्टेयर से कम भूमि है लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने सूची केन्द्र को नहीं भेजी. बीजेपी प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने इसे किसानों के साथ अन्याय करार दिया है.
बइधर राज्य सरकार का मानना है कि बीते 2 माह में प्रदेश के 20 लाख किसानों को लगभग साढ़े 17 हजार करोड़ का सीधा लाभ प्रदेश सरकार ने दिया है. वहीं कांग्रेस संचार विभाग प्रमुख शैलेष नितिन त्रिवेदी का कहना है कि केन्द्र ने जल्दबाजी में इस योजना को शुरू कर जानबूझकर कांग्रेस शासित प्रदेशों को दूर रखा है.
बहरहाल योजना की पहली किस्त जारी होने के बाद दूसरी किस्त के जारी होते तक आचार संहिता लगने की संभावना है. इधर छत्तीसगढ़ सरकार ने अभी किसानों की लिस्ट ही तैयार नहीं की है. ऐसे में किसान ही केन्द्र और राज्य सरकार की राजनीति के शिकार होते दिखाई दे रहे हैं.