गरियाबंद – सुशासन तिहार समाधान शिविर के मंच में आपस में भीड़ गए दो दलों के जनप्रतिनिधि,मंच पर पूर्वर्ती सरकार के कार्यकाल के आलोचना बाद हुआ बवाल।
अफसरों को मध्यस्थता कर शांत करानी पड़ी सभा।जिला पंचायत सीईओ की साफ नसीहत समाधान शिविर को राजनीतिक अखाड़ा न बनाएं।
गरियाबंद में समाधान शिविर में नेताओं का बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है।आज जिले के मैनपुर ब्लॉक के खोखमा पंचायत में आयोजित समाधान शिविर में उस वक्त बड़ा बवाल हुआ जब भाजपा युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष माखन कश्यप द्वारा कांग्रेस सरकार के समय की कमियां गिनाई जा रही थी,और अपने चेयर से उठ कर जिला पंचायत सीईओ जी आर मरकाम ने कश्यप के संबोधन को रोकते हुए कहा कि समाधान शिविर के मंच को राजनीति मंच बनाना बंद किया जाए।सीईओ के रोकते ही इस फैसले के समर्थन में कांग्रेस समर्थित जनपद उपाध्यक्ष नन्द कुमारी राजपूत खड़ी होकर माखन कश्यप को जवाब देना शुरू कर दिया।देखते ही देखते मंच का माहौल राजनीति अखाड़े में तब्दील हो गया।मौजूद वरिष्ठ नेता और अफसरों के दखल के बाद मामला शांत हुआ,
एक दिन पहले भाजपा नेत्री एवं जिला पंचायत सदस्यनेहा सिंघल ने अपने ही
सरकार के अभियान पर सवाल खड़ा किया था_ एक दिन पहले ही धौराकोट में आयोजित शिविर में भाजपा समर्थित जिला पंचायत सदस्य नेहा सिंघल ने भी नल जल योजना,राजस्व प्रकरण निपटारे को लेकर प्रशाशन को घेरा था।भाजपा सरकार के इस समाधान शिविर के क्रियान्वयन पर प्रश्न चिन्ह लगाया था।आज भी माइक थामते ही समाधान शिविर में समस्याओं का समाधान नहीं होने की बात अपने संबोधन में कहा था।झाखर पारा शिविर में भाजपा के पूर्व विधायक डमरूधर पुजारी ने भी जनता की भीड़ कम देख कर अफसरों को लताड़ा था ।